ये हैं भारत के सबसे ऐतिहासिक गहने, जो कभी हुआ करते थे राष्ट्र का गौरव
क्या है खबर?
दिलजीत दोसांझ के मेट गाला लुक के बाद महाराजा भूपिंदर सिंह का हार सुर्खियों में आ गया, जो उनके राजसी ठाठ को दर्शाता है।
राजा-रानियों के बारे में सोचते ही मन में हीरे-जेवरातों से सजे लोगों की छवि आती है। ये गहने उनकी शाही जीवनशैली और देश की समृद्धि की गाथा कहते हैं।
आज हम आपको महाराजा भूपिंदर सिंह समेत कई अन्य राजसी लोगों के नायाब जेवरातों के बारे में बताएंगे, जो हमारे राष्ट्र का गौरव हुआ करते थे।
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महाराजा भूपिंदर सिंह का पटियाला हार
पटियाला के महाराजा भूपिंदर सिंह अपनी आलीशान जीवनशैली के लिए दुनियाभर में मशहूर थे। हालांकि, उनकी प्रसिद्धि का सबसे बड़ा कारण था उनका 5 लेयर वाला चमचमाता हीरों से लदा हुआ पटियाला हार।
इसे दुनिया के सबसे महंगे हारों में शुमार किया जाता है। कार्टियर हाउस ने 1928 में 2,930 हीरों से इस प्रतिष्ठित आभूषण को बनाया था, जिसमें दुनिया का 7वां सबसे बड़ा हीरा भी लगा हुआ है।
आज के हिसाब से इसकी कीमत 112 करोड़ रुपये तक होगी।
#2
महारानी संयोगिता देवी का इंदौर पियर हार
इंदौर के महाराजा यशवंत राव होलकर द्वितीय ने अपनी प्रिय महारानी संयोगिता देवी के लिए एक हीरे का हार खरीदा था, जिसे पियर ऑफ इंदौर कहा जाता है।
इसे फ्रांस की माउबोउसीन नामक जेवर बनाने वाली कंपनी ने निर्मित किया था और इसमें नाशपाती के आकार के 2 नायाब हीरे लगे हुए थे।
दोनों का वजन 47 कैरट था और उनके ऊपर एक चमचमाता हुआ पन्ना और अन्य हीरे भी जड़े हुए थे।
#3
महारानी सीता देवी का हीरे का हार
'दक्षिण का सितारा' नाम से जाना जाने वाला गुलाबी-भूरे रंग का हीरा 1953 में ब्राजील में खोजा गया था।
यह 10 साल बाद बड़ौदा के महाराजा खंडेराव गायकवाड़ के पास पहुंचा, जिन्होंने 90 लाख के इस रत्न के साथ 3 लेयर वाला हीरे का हार बनवाया।
इस हार में 'इंग्लिश ड्रेसडेन' यानी 78.5 कैरेट का बूंद के आकार का हीरा भी लगा था और इसे महारानी सीता देवी को उपहार में दिया गया था।
#4
नवानगर के महाराजा का पन्ना हार
जाम श्री दिग्विजयसिंह जी रणजीतसिंह जी जाडेजा नवानगर के महाराजा थे, जो हीरे-जेवरातों के बड़े शौकीन हुआ करते थे।
वह 500 कैरेट के नवानगर हार के मालिक थे, जिसमें 17 आयताकार कोलम्बियाई पन्ने लगे हैं और इसका वजन 277 कैरेट हैं।
इसके बीच में एक 70 कैरेट का पन्ना लगा है, जो पहले तुर्की के सुल्तान का था। यह हार ओशियंस फिल्म के लिए दोबारा बनाया गया था और इसमें लोकप्रिय नींबू-पीले रंग का टाइगर आई हीरा लगाया गया था।
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पटियाला की महारानी का पटियाला रूबी चोकर
1931 में पटियाला रूबी चोकर को कार्टियर ने बनाया था। एक खूबसूरत हार महाराजा भूपिंदर सिंह ने खरीदा था और अपनी पत्नी महारानी श्री बख्तावर कौर साहिबा को उपहार में दिया था।
इस चोकर में माणिक, हीरे और प्राकृतिक मोतियों को लेयर में पिरोया गया है।
यह पूरा हार अब शाही परिवार के पास नहीं है, लेकिन इसकी ऊपरी परत और कुछ हिस्सा वर्तमान में कार्टियर के संग्रह में रखा हुआ है।