गर्भावस्था के दौरान बढ़ जाती है सिरदर्द की समस्या? जानिए ऐसा होने के प्रमुख कारण
क्या है खबर?
गर्भावस्था में महिलाओं को एक नहीं, बल्कि कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इसके दौरान सिरदर्द की परेशानी काफी बढ़ जाती है। इसकी वजह से बैठना-उठना और यहां तक कि आराम करना तक दूबर हो जाता है। कुछ महिलाओं को तो सिरदर्द के चलते उलटी, चक्कर और घबराहट भी महसूस होने लगती है। अगर आपको भी गर्भावस्था के दौरान यह स्वास्थ्य संबंधी समस्या हो रही है तो इसके ये कारण हो सकते हैं।
#1
पानी की कमी
गर्भावस्था में ज्यादातर महिलाएं डिहाइड्रेशन का शिकार हो जाती हैं। इस दौरान बच्चे और खून बनाने के लिए ज्यादा तरल पदार्थ की जरूरत पड़ती है। साथ ही इस समय उलटी आदि आने के कारण भी पानी की कमी हो जाती है। इस डिहाइड्रेशन की वजह से दिमाग अस्थायी रूप से सिकुड़ जाता है और दर्द के प्रति संवेदनशील टिशूज पर दबाव पड़ता है। इसी वजह से सिरदर्द होने लगता है।
#2
नींद न पूरी होना
दर्द और असुविधा के चलते गर्भवती महिलाओं की नींद पूरी नहीं हो पाती है। यह भी सिरदर्द की समस्या की एक बड़ी वजह होती है। इस दौरान शरीर थका हुआ रहता है और जब उसे आराम नहीं मिल पाता तो वह सिर पर दबाव बनाकर प्रतिक्रिया देता है। यह परेशानी खास तौर से गर्भावस्था के पहले कुछ हफ्तों में नजर आती है। इससे बचने के लिए आपको रोजाना 8 घंटे की नींद जरूर लेनी चाहिए।
#3
ब्लड शुगर का कम हो जाना
गर्भवती महिलाएं ठीक से खाना नहीं खा पाती हैं। ऐसे में ज्यादा देर तक पेट खाली रहने से उनका ब्लड शुगर का स्तर घट जाता है। यह भी सिरदर्द होने की एक बड़ी वजह हो सकती है। दिमाग को ऊर्जा के लिए लगातार ग्लूकोज की जरूरत होती है। जब इसका स्तर कम हो जाता है तो यह तनाव हार्मोन को बढ़ा देता है और दिमाग को जरूरी चीजें नहीं मिल पाती हैं, जिससे सिरदर्द जैसे लक्षण नजर आते हैं।
#4
तनाव
हार्मोन में बदलाव, शारीरिक परेशानियां, जीवनशैली में बदलाव और चिंताएं बढ़ने की वजह से गर्भवती महिलाएं तनाव का शिकार हो जाती हैं। यह तनाव उनकी सेहत पर नकारात्मक असर डालता है और सिरदर्द की वजह बन जाता है। इससे निपटने के लिए आपको अपने दिमाग को शांत रखना चाहिए और केवल सकारात्मक बातें सोचनी चाहिए। परिवार संग समय बिताएं, किताबें पढ़ें और अपनी पसंद की फिल्में आदि देखकर खुश रहें।
#5
हार्मोनल बदलाव
गर्भावस्था में महिलाओं का शरीर पूरी तरह से बदल जाता है। इस दौरान कई तरह के हार्मोनल बदलाव आते हैं, जो सिरदर्द को बढ़ाने में योगदान देते हैं। एस्ट्रोजन में बढ़ोतरी आने से सिरदर्द होने लगता है, क्योंकि इससे रक्त वाहिकाओं और दर्द के रास्तों को प्रभावित करने वाले पदार्थों पर असर पड़ता है। हार्मोन बढ़ी हुई खून की मात्रा के साथ मिलकर दिमाग की नसों को फैलाते हैं, जिससे सिरदर्द होता है।