
मानसून के दौरान इन 5 फूल वाले पौधों को लगाना होगा फायदेमंद
क्या है खबर?
मानसून का मौसम फूलों के लिए सबसे अच्छा समय होता है क्योंकि इस दौरान मिट्टी में नमी बनी रहती है, जो फूलों के पौधों को खिलने के लिए जरूरी होती है।
मानसून के दौरान फूलों के पौधे जल्दी बड़े होते हैं और उनमें अधिक फूल आते हैं।
आइए आज हम आपको पांच ऐसे फूल वाले पौधों के बारे में बताते हैं, जिन्हें इस मौसम में लगाना लाभदायक है।
#1
मोगरा
मोगरा के छोटे-छोटे सफेद फूल अपनी अद्भुत खुशबू के लिए जाने जाते हैं। ये फूल न केवल आपकी जगह को महकाते हैं, बल्कि इनके औषधीय गुण भी होते हैं।
मोगरा के फूलों का इस्तेमाल पारंपरिक दवाओं में किया जाता है। इसके अलावा मोगरा के फूलों से बनी चाय पीने से कई स्वास्थ्य लाभ मिलते हैं।
मोगरा के पौधे को छांव में लगाना चाहिए और इसे नियमित रूप से पानी देना चाहिए।
#2
गुलाब
गुलाब का फूल मानसून के दौरान भी खिलता है और यह बहुत सुंदर दिखता है।
गुलाब के पौधे को किसी भी तरह की मिट्टी में लगाया जा सकता है, लेकिन इसे अच्छी तरह से पानी देना जरूरी है।
गुलाब के पौधे की देखभाल करना आसान होता है और इसे धूप की जरूरत होती है। गुलाब के फूलों का इस्तेमाल सौंदर्य प्रसाधनों में किया जाता है।
इसके अलावा गुलाब का गुलाब जल भी बनाया जाता है।
#3
चमेली
चमेली के फूल अपनी मीठी खुशबू के लिए जाने जाते हैं और मानसून के दौरान खिलते हैं।
इनका इस्तेमाल पूजा-पाठ में किया जाता है। चमेली के फूलों का इस्तेमाल पारंपरिक दवाओं में भी किया जाता है।
इसके अलावा चमेली के फूलों से बनी तेल मालिश करने से त्वचा को नमी मिलती है। चमेली के पौधे को छांव में लगाना चाहिए और इसे नियमित रूप से पानी देना चाहिए।
#4
गुड़हल
गुड़हल अपने लाल रंग के बड़े-बड़े फूलों के लिए जाने जाते हैं, जो बारिश में खिलते हैं।
इनका इस्तेमाल पूजा-पाठ में किया जाता है। गुड़हल के फूलों का इस्तेमाल पारंपरिक दवाओं में भी किया जाता है।
इसके अलावा गुड़हल के फूलों से बनी तेल मालिश करने से त्वचा को नमी मिलती है। गुड़हल के पौधे को छांव में लगाना चाहिए और इसे नियमित रूप से पानी देना चाहिए।
#5
रजनीगंधा
रजनीगंधा अपने सफेद रंग के बड़े फूलों के लिए जाने जाते हैं, जो रात के समय महकते रहते हैं। इनका इस्तेमाल पूजा-पाठ में किया जाता है।
रजनीगंधा के फूलों का इस्तेमाल पारंपरिक दवाओं में भी किया जाता है। इसके अलावा रजनीगंधा के फूलों से बनी तेल मालिश करने से त्वचा को नमी मिलती है।
रजनीगंधा के पौधे को छांव में लगाना चाहिए और इसे नियमित रूप से पानी देना चाहिए।