सर्दियों में होने वाली ये 5 बीमारियां बन सकती हैं जानलेवा, जानिए इनके लक्षण और बचाव
क्या है खबर?
सर्दियों में कई लोग ठंड के कारण अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखना भूल जाते हैं, जिसके कारण उन्हें कई बीमारियां हो जाती हैं। इन बीमारियों के कारण सांस से जुड़ी समस्याएं, फेफड़ों का संक्रमण और अन्य बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। आइए आज हम आपको उन बीमारियों के बारे में बताते हैं, जो सर्दियों में अधिक होती हैं और इनके लक्षण, कारण और बचाव के बारे में विस्तार से जानते हैं।
#1
फ्लू
फ्लू एक संक्रामक बीमारी है, जो वायरस के संपर्क में आने के कारण होती है। इसके लक्षणों में बुखार, खांसी, गले में खराश, नाक का बंद होना, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द और थकान शामिल हैं। इस बीमारी से बचने के लिए हाथों को बार-बार धोएं और जब भी छींक या खांसी आए तो मुंह को रुमाल से ढक लें। इसके अलावा भीड़-भाड़ वाली जगहों से दूर रहें और संतुलित आहार का सेवन करें।
#2
निमोनिया
निमोनिया फेफड़ों का संक्रमण है, जो बैक्टीरिया, वायरस या फफूंद के कारण होता है। इसके लक्षणों में बुखार, ठंड लगना, तेज खांसी, सांस लेने में कठिनाई, सीने में जलन और थूक में बदलाव शामिल हैं। निमोनिया का खतरा बच्चों, बुजुर्गों और कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों को अधिक होता है। इस बीमारी के जोखिम को कम करने के लिए समय-समय पर टीकाकरण कराएं और संतुलित आहार समेत पानी का सेवन करते रहें।
#3
ब्रोंकाइटिस
ब्रोंकाइटिस सांस की नली की सूजन से जुड़ी एक बीमारी है, जो बैक्टीरिया और वायरस के कारण होती है। इसमें सांस की नली की परत सूज जाती है और बलगम उत्पादन बढ़ जाता है। इसके लक्षणों में खांसी, बलगम, सीने में जकड़न, सांस लेने में कठिनाई और थकान शामिल हैं। इस बीमारी से बचाव के लिए समय-समय पर टीकाकरण कराएं और धूम्रपान समेत धुएं से दूर रहें। इसके अलावा संतुलित आहार समेत पानी का सेवन करते रहें।
#4
सर्दी-जुकाम
सर्दी-जुकाम एक वायरल संक्रमण है, जो नाक और गले को प्रभावित करता है। इसके लक्षणों में खांसी, नाक बंद होना, गले में खराश, नाक से पानी गिरना और छींक आना शामिल है। सर्दी-जुकाम से बचाव के लिए संतुलित आहार समेत पानी का सेवन करें। इसके अलावा गर्म पानी से स्नान करें, समय-समय पर नींद पूरी करें और ताजे फलों और सब्जियों का सेवन करें। साथ ही ठंडी चीजों से दूर रहें और समय-समय पर टीकाकरण कराएं।
#5
अस्थमा
अस्थमा एक पुरानी सांस की बीमारी है, जो सांस की नली की सूजन और सिकुड़न के कारण होती है। इसके लक्षणों में सांस लेने में कठिनाई, सीने में जलन, खांसी और घरघराहट शामिल हैं। अस्थमा का कोई इलाज नहीं है, लेकिन कुछ दवाओं के सेवन से इसके लक्षणों को नियंत्रित किया जा सकता है। इसके अलावा अस्थमा अटैक से बचने के लिए डॉक्टर द्वारा बताई गई दवाओं का सेवन करें और अस्थमा इनहेलर साथ रखें।