WHO ने चांदीपुरा वायरस को भारत में 20 साल में सबसे बड़ा प्रकोप बताया
क्या है खबर?
भारत में पिछले कुछ महीनों में कई लोगों को अपनी चपेट में लेने वाले घातक चांदीपुरा वायरस (CHPV) को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भारत में पिछले 20 साल में सबसे बड़ा प्रकोप बताया है।
WHO के मुताबिक, जून की शुरुआत से 15 अगस्त के बीच स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (AES) के 245 मामलों की सूचना दी, जिसमें 82 मौतें शामिल हैं, जो कुल मामलों का 33 प्रतिशत है।
19 जुलाई के बाद AES में कमी आई है।
वायरस
भारत के 43 जिलों में दिख रहा प्रकोप
WHO के मुताबिक, भारत के 43 जिलों में AES के मामले सामने आ रहे हैं, जिसमें 64 चांदीपुरा वायरस के पुष्ट मामले सामने हैं।
संगठन ने बताया कि CHPV स्थानीय है और पहले भी इसका प्रकोप नियमित रूप से सामने आया है, लेकिन मौजूदा समय का प्रकोप पिछले 20 सालों में सबसे अधिक है।
संगठन ने रोगियों की गहन सहायक देखभाल से जीवित रहने की संभावना बढ़ाने की बात कही है। उसने इसे बढ़ने से रोकने की सिफारिश की है।
बीमारी
क्या है चांदीपुरा वायरस?
चांदीपुरा वायरस सबसे पहले महाराष्ट्र में 1965 में मिला था। नागपुर के चांदीपुरा गांव में वायरस मिलने से इसका नाम चांदीपुरा पड़ा।
वायरस 2004 से 2006 और 2019 में आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र और गुजरात में पाया गया। यह RNA वायरस रबडोविरिडे परिवार और वेसिकुलो वायरस जीनस से संबंधित है, जो वेसिकुलर स्टामाटाइटिस और रेबीज का कारण बनने वाले वायरस से संबंधित है।
यह इंसानों खासकर बच्चों को प्रभावित करता है। अभी इंसान से इंसान संक्रमण की सूचना नहीं मिली है।