कौन है जगदीश उइके, जिसने दी विमानों में बम होने की 100 से अधिक फर्जी धमकियां?
देश की विभिन्न एयरलाइंस कंपनियों के विमानों को बम से उड़ाने की फर्जी धमकी देने के मामले में नागपुर पुलिस ने आखिरकार एक व्यक्ति को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है। उस व्यक्ति की पहचान महाराष्ट्र के गोंदिया निवासी जगदीश श्रीराम उइके के रूप में हुई है। पुलिस का दावा है कि गिरफ्तारी व्यक्ति ने भारतीय एयरलाइंस द्वारा संचालित 100 से अधिक उड़ानों को बम से उड़ाने की झूठी धमकी दी थी। आइए उइके के बार में जानते हैं।
उइके पर है 354 से ज्यादा फर्जी ईमेल भेजने का आरोप
नागपुर पुलिस के अनुसार, उइके पर 354 से ज्यादा फर्जी ईमेल भेजने का आरोप है। इन ईमेल के जरिए न केवल देश भर की उड़ानों और ट्रेनों को निशाना बनाया गया, बल्कि प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO), शीर्ष सरकारी अधिकारियों और कई महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों को भी धमकियां दी गई थीं। बड़ी बात यह है कि उसने केंद्रीय एजेंसियों को चुनौती देने के लिए भी ईमेल किया था, जिसमें उसने कहा था कि उसे कोई भी नहीं पकड़ सकता है।
आखिर कौन है जगदीश उइके?
35 वर्षीय जगदीश उइके पूर्वी महाराष्ट्र के माओवाद प्रभावित गोंदिया जिले के अर्जुनी मोरगांव का मूल निवासी है। वह पेशे से लेखक है। नागपुर पुलिस उपायुक्त (DCP) लोहित मतानी ने TOI को बताया कि केवल 11वीं कक्षा तक पढ़ा उइके आतंकवाद पर 'आतंकवाद: एक तूफानी राक्षस' नामक पुस्तक का लेखक भी है। उइके के अनुसार, 350 रुपये की कीमत पर ई-कॉमर्स साइट अमेजन पर उपलब्ध उसकी किताब आतंकवाद की सारी सच्चाई लोगों के सामने रखती है।
उइके ने किया है बड़ा दावा
DCP मतानी के अनुसार, उइके का दावा है कि उसकी किताब आतंकवाद पर ऐसी गुप्त जानकारी देती है, जिसे पहले किसी देश या लेखक ने दुनिया के सामने नहीं रखा। वह अपनी किताब की कमाई का 50 प्रतिशत देश हित में दान भी करता है।
धमकी देने के पीछे क्या था उइके का मकसद?
पुलिस आयुक्त रविन्द्र सिंघल ने TOI को बताया कि धमकी देने के पीछे उइके का मकसद वास्तविक आतंकवाद से नहीं जुड़ा था, बल्कि सरकार और लोगों का ध्यान आकर्षित करने के लिए प्रचार का एक तरीका था। उन्होंने कहा, "प्रथम दृष्टया ऐसा प्रतीत होता है कि वह अपनी पुस्तक प्रकाशित कराने के लिए PMO और अन्य को बार-बार ईमेल भेज रहा था, लेकिन बाद में उन्होंने हताश होकर फर्जी मेल भेजना शुरू कर दिया।"
उइके ने क्या-क्या दी धमकियां?
उइके ने जनवरी से ही धमकी भरे ईमेल भेजना शुरू कर दिया था। उसने 25 से 30 अक्टूबर के बीच दावा किया कि पूरे भारत में 30 जगहों पर बम रखे गए हैं। उनके ईमेल में केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस सहित प्रमुख राजनीतिक हस्तियों और सरकारी अधिकारियों के खिलाफ भी धमकियां थीं। उइके ने खतरों की जानकारी देने के लिए अधिकारियों के साथ बैठक करने का भी अनुरोध किया था।
पुलिस ने उइके के जीमेल अकाउंट से भेजे गए 354 ईमेल की पहचान की
पुलिस ने उइके के जीमेल अकाउंट से भेजे गए 354 ईमेल की पहचान की है। उसने अक्टूबर में महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री फडणवीस को ईमेल भेजकर गुप्त आतंकी कोड 25-MBA-5-MTR के बारे में जानकारी होने का झूठा दावा किया था। उसके एक ईमेल में इंडिगो, विस्तारा, स्पाइसजेट और एयर इंडिया जैसी प्रमुख एयरलाइनों की 31 उड़ानों को हाईजैक करने की धमकी दी गई थी। एक ईमेल में उसने 6 हवाई अड्डों के जैश-ए-मोहम्मद के निशाने पर होने की बात कही थी।
उइके ने स्लीपर सेल गतिविधियों को लेकर भी चेतावनी दी
पुलिस के अनुसार, उइके ने अपने आखिरी ईमेल में सुरक्षा एजेंसियों को भारत में स्लीपर सेल गतिविधियों के बारे में चेतावनी दी थी। उसके बाद सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हो गई थी। पुलिस अब उसके ईमेल की भाषा को लेकर भी जांच कर रही है।
साल 2021 में भी गिरफ्तार हो चुका है उइके
पुलिस के अनुसार, उइके का यह कानून के साथ पहला टकराव नहीं है। वह 2021 में भी 2 बार गिरफ्तार हो चुका है। एक बार उसे अनुचित ईमेल भेजने के लिए और दूसरी बार नौकरी के इच्छुक लोगों को PMO से जोड़ने वाली शिकायत दर्ज करने के लिए गिरफ्तार किया गया था। पुलिस ने बताया कि इन घटनाओं के बाद उइके कथित तौर पर महाराष्ट्र छोड़कर दिल्ली आ गया था, जहां से उसने अपनी हालिया धमकियां दी थी।
पुलिस ने कैसे किया उइके को गिरफ्तार?
पुलिस उपायुक्त श्वेता खेडकर के नेतृत्व में गठित टीम ने केंद्रीय मंत्री को भेजे गए ईमेल से जुड़े इंटरनेट प्रोटोकॉल (IP) एड्रेस के जरिए उइके का पता लगाया था। जांच में यह भी पता चला कि उसके मोबाइल में लगा सिम कार्ड उसके नाम से पंजीकृत था, जिस पर उसका अर्जुनी मोरगांव का पता दर्ज था। इसके बाद पुलिस ने गांव में दबिश दी, लेकिन वह नहीं मिला। बाद में उसके दिल्ली से लौटने पर पुलिस ने उसे दबोच लिया।