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कौन हैं असम की ACS अधिकारी नुपुर बोरा, जिनके घर से मिला 2 करोड़ का सोना-नकदी?
असम की अधिकारी नुपुर बोरा को गिरफ्तार किया गया है

कौन हैं असम की ACS अधिकारी नुपुर बोरा, जिनके घर से मिला 2 करोड़ का सोना-नकदी?

लेखन गजेंद्र
Sep 16, 2025
02:12 pm

क्या है खबर?

असम की राजधानी गुवाहाटी में असम सिविल सेवा (ACS) अधिकारी (36) नुपुर बोरा को जमीन घोटाले के मामले में हिरासत में लिया गया है। कामरूप में तैनात बोरा पर आरोप है कि उन्होंने हिंदू परिवारों की जमीन गैर-कानूनी तरीकों से मुसलमानों को दिलवाई और पैसे अर्जित किए। उनके घर से 2 करोड़ रुपये का सोना, 92 लाख रुपये नकद बरामद किया गया। राज्य की विशेष टीम मामले की जांच कर रही है। आइए जानते हैं पूरा मामला क्या है।

जांच

पहले जानिए, कौन हैं नुपुर बोरा?

नुपुर बोरा 2019 बैच की ACS अधिकारी हैं। उनका जन्म गोलाघाट में हुआ था। उन्होंने गुवाहाटी विश्वविद्यालय में अंग्रेजी साहित्य से डिग्री प्राप्त की और कॉटन कॉलेज में अध्ययन किया। सिविल सेवा से पहले बोरा जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान में व्याख्याता थीं। वर्ष 2019 में ACS में चयन के बाद उनकी तैनाती कार्बी आंगलोंग में सहायक आयुक्त पद पर हुई थी। इसके बाद बारपेटा में सर्कल ऑफिसर और फिर कामरूप जिले में गोरोइमारी इलाके में सर्किल ऑफिसर रही थीं।

जानकारी

आय से अधिक संपत्ति

बोरा की अभी 6 साल की सरकारी सेवा है और उनकी उम्र 36 साल है। ऐसे में उनके पास आय से अधिक संपत्ति मिली है। कई संपत्तियों के दस्तावेज भी मिले हैं। उनकी गिरफ्तारी ने बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के सवाल खड़े कर दिए हैं।

आरोप

नुपुर बोरा पर क्या है आरोप?

बोरा पर बारपेटा में तैनाती के समय गैर-कानूनी तरीके से करोड़ों रुपयो की जमीन इधर-उधर करने का आरोप था। ये जमीन सरकारी, धार्मिक ट्रस्ट और हिंदुओं की थी, जिनको संदिग्ध लोगों और खासकर मुसलमानों को धोखाधड़ी से बेचा गया। कृषक मुक्ति संग्राम समिति (KMSS) ने भी शिकायत कर बोरा के 'रेट कार्ड' की जानकारी दी, जिसमें बोरा 1,500 से 2 लाख रुपये लेकर दस्तावेजों और रिकॉर्ड में बदलाव करती थीं। उनके ऊपर आय से अधिक संपत्ति का भी आरोप है।

जांच

मुख्यमंत्री की बनाई विशेष समिति कर रही है जांच

मामला प्रकाश में आने के बाद मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने उनके खिलाफ विशेष जांच समिति बनाई है। उनका कहा कि बोरा पर पिछले 6 महीनों से नजर रखी जा रही थी। छापेमारी का नेतृत्व कर रहीं विजिलेंस प्रकोष्ठ की पुलिस अधीक्षक रोजी कलिता ने बताया कि बरामद नकद और आभूषण शुरुआती जांच का हिस्सा हैं, आगे और भी खुलासे हो सकते हैं। उनकी कुल संपत्ति 2 करोड़ से अधिक मानी जा रही है।