BRICS सम्मेलन: प्रधानमंत्री मोदी और रूसी राष्ट्रपति पुतिन की द्विपक्षीय बैठक का क्या रहेगा एजेंडा?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार (22 अक्टूबर) सुबह 16वें BRICS शिखर सम्मलेन में हिस्सा लेने के लिए दिल्ली से रूस के लिए उड़ान भरी। यह सम्मेलन कजान शहर में आयोजित होगा, जिसका विषय 'न्यायसंगत वैश्विक विकास और सुरक्षा के लिए बहुपक्षवाद को मजबूत करना' रखा गया है। प्रधानमंत्री मोदी सम्मेलन में हिस्सा लेने के बाद रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ द्विपक्षीय वार्ता भी करेंगे। ऐसे में आइए जानते हैं दोनों नेताओं की द्विपक्षीय वार्ता का एजेंडा क्या होगा।
विदेश मंत्रालय ने सम्मेलन को लेकर जारी किया बयान
विदेश मंत्रालय ने कहा, "BRICS सम्मेलन नेताओं को प्रमुख वैश्विक मुद्दों पर चर्चा करने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच प्रदान करेगा। यह BRICS द्वारा शुरू की गई पहलों की प्रगति का आकलन करने तथा भविष्य में सहयोग के लिए संभावित क्षेत्रों की पहचान करने का एक मूल्यवान अवसर भी देगा।" बता दें कि राष्ट्रपति पुतिन ने सितंबर में प्रधानमंत्री मोदी को BRICS सम्मेलन में आने के दौरान अपने साथ द्विपक्षीय बैठक के लिए भी आमंत्रित किया था।
वंदे भारत ट्रेनों के निर्माण का उठाया जा सकता है मुद्दा
हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार, द्विपक्षीय वार्ता में रूस की ट्रांसमैशहोल्डिंग (TMH) द्वारा वंदे भारत ट्रेनों के निर्माण के लिए 6.5 अरब डॉलर (करीब 54,000 करोड़ रुपये) की संयुक्त उद्यम परियोजना को प्रभावित करने वाले नियामक और तकनीकी मुद्दों को उठाया जा सकता है। बता दें कि मार्च 2023 में TMH और रेल विकास निगम लिमिटेड (RVNL) कंसोर्टियम ने 200 वंदे भारत ट्रेनों के निर्माण और 35 वर्षों तक उनके रखरखाव के लिए 58,000 करोड़ रुपये का अनुबंध किया था।
भारत के ऑर्डर कम करना बना चर्चा का मुद्दा
रूसी कंपनी TMH पर पश्चिम ने प्रतिबंध लगा रखा है। ऐसे में भारत ने बाद में 200 ट्रेनों के ऑर्डर को कम कर 120 कर दिया था। उसके बाद से ही रूस इस मामले में भारत से बात कर उसका समाधान निकालने पर जुटा है।
रूस में भारतीय फिल्मों के प्रचार बढ़ाने पर भी होगी चर्चा
रिपोर्ट के अनुसार, राष्ट्रपति पुतिन ने गत दिनों कहा था कि वह रूस में भारतीय फिल्मों (बॉलीवुड) को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री मोदी के साथ काम करना चाहते हैं। पुतिन ने रूस में भारतीय सिनेमा की लोकप्रियता को लेकर कहा था, "रूस में एक चैनल दिन-रात बॉलीवुड फिल्में दिखाता है। सभी विदेशी फिल्मों में भारतीय सिनेमा सबसे लोकप्रिय है।" उन्होंने कहा था कि रूस भारतीय फिल्म निर्माताओं को रूस में शूटिंग करने के लिए प्रोत्साहन दे सकता है।
पुतिन ने जताई थी बॉलीवुड पर चर्चा की मंशा
राष्ट्रपति पुतिन ने कहा था कि बॉलीवुड ऐसा उद्योग है, जिस पर चर्चा की जानी चाहिए। सिनेमा उत्पाद और फिल्म उद्योग अर्थव्यवस्था का हिस्सा हैं और इन्हें उचित रूप से विनियमित किया जाना चाहिए। भारत ने अपने बाजार की सुरक्षा के लिए कई निर्णय लिए हैं। उन्होंने कहा था, "अगर भारतीय मित्रों की इसमें रुचि होगी, तो हम रूसी बाजार में भारतीय फिल्मों को बढ़ावा देने के लिए साझा आधार ढूंढ लेंगे। इससे दोनों मित्र देशों को फायदा होगा।"
आर्कटिक क्षेत्र और उत्तरी समुद्री मार्ग पर भी चर्चा संभव
इकोनॉमिक टाइम्स के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी और पुतिन रूसी आर्कटिक क्षेत्र और उत्तरी समुद्री मार्ग (NSR) में भारत की भूमिका पर भी चर्चा करेंगे। NSR में सहयोग पर भारत-रूस कार्य समूह की इस महीने पहली बैठक भी हुई थी, जिसमें ध्रुवीय नौवहन में भारतीय नाविकों को प्रशिक्षित करने और आर्कटिक में संयुक्त जहाज निर्माण पर चर्चा की गई थी। इसी तरह NSR में 5,600 किलोमीटर लंबे मालवाहक नौवहन मार्ग पर एक समझौता ज्ञापन भी तैयार किया गया था।
भारत रूस के लिए तैयार करेगा चार गैर-परमाणु आइसब्रेकर
मामले से परिचित लोगों के अनुसार, समझौता ज्ञापन के तहत भारत NSR में रूस के लिए चार गैर-परमाणु आइसब्रेकर का निर्माण करेगा। इसका दोनों देशों को फायदा मिलेगा। इससे पहले दोनों नेताओं मास्को में 22वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन में भी NSR और आर्कटिक पर चर्चा की थी। रिपोर्ट के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी और पुतिन अपनी द्विपक्षीय बैठक में वित्तीय, ऊर्जा, रक्षा और विश्व भर में संघर्षों सहित विभिन्न अन्य मुद्दों पर भी चर्चा कर सकते हैं।
रूस-यूक्रेन मुद्दे पर भी चर्चा की संभावना
BRICS सम्मेलन से पहले राष्ट्रपति पुतिन ने यूक्रेन युद्ध पर प्रधानमंत्री मोदी की चिंताओं को भी स्वीकार किया है। उन्होंने कहा था कि वह शांति वार्ता में भारत की रुचि की सराहना करते हैं। हालांकि, उन्होंने यूक्रेन के साथ उनकी स्थिति को अधिक चुनौतीपूर्ण भी बताया है। उन्होंने NATO की भागीदारी का उदाहरण देते हुए युद्ध के लंबा खिंचने की बात भी कही है। ऐसे में दोनों नेता अब इस युद्ध का शांतिपूर्ण समाधान निकालने पर चर्चा कर सकते हैं।
द्विपक्षीय बैठक में उठाया जा सकता है भारतीयों की रिहाई का मुद्दा
चर्चा है कि द्विपक्षीय बैठक के दौरान भारतीय पक्ष धोखे से रूस की सेना में शामिल किए गए शेष भारतीयों की रिहाई का मुद्दा भी उठा सकता है। इससे पहले जुलाई में मास्को की यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने पुतिन के साथ वार्ता में रूसी सेना में कार्यरत भारतीय नागरिकों की शीघ्र रिहाई का मुद्दा उठाया था। उसके बाद से विदेश मंत्रालय रूस के विदेश और रक्षा मंत्रालयों के वार्ताकारों के साथ बहुत निकट संपर्क में है।