
दयानिधि मारन और उनके भाई कलानिधि के बीच सन टीवी को लेकर क्या विवाद है?
क्या है खबर?
द्रविड़ मुन्नेत्र कड़गम (DMK) नेता दयानिधि मारन और उनके भाई कलानिधि मारन के बीच सन टीवी नेटवर्क को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है।
दयानिधि ने सन समूह के प्रमुख कलानिधि को कानूनी नोटिस भेजकर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। कलानिधि की पत्नी कावेरी समेत 8 अन्य लोगों को भी नोटिस भेजा गया है।
मारन परिवार तमिलनाडु का प्रभावशाली राजनीतिक और व्यावसायिक घराना है, जिसकी उत्तराधिकार की लड़ाई अब कोर्ट में पहुंच सकती है।
आइए पूरा मामला समझते हैं।
नोटिस
दयानिधि ने किन-किन लोगों को भेजा नोटिस?
कलानिधि ने 10 जून को 8 लोगों को कानूनी नोटिस भेजा है।
इनमें कलानिधि, उनकी पत्नी कावेरी मारन, वरिष्ठ वित्तीय सलाहकार श्रीधर स्वामीनाथन, परिवार के चार्टर्ड अकाउंटेंट नटराजन शिवसुब्रमण्यम और सन समूह के अधिकारी और करीबी सहयोगी शामिल हैं। ये नोटिस चेन्नई स्थित लॉ फर्म के अधिवक्ता के सुरेश के माध्यम से जारी किया गया है।
इसमें सन टीवी में नियंत्रण हिस्सेदारी हासिल करने के लिए एक सुनियोजित और अनधिकृत योजना बनाने का आरोप लगाए गए हैं।
आरोप
कलानिधि पर खुद को 12 लाख शेयर आवंटित करने का आरोप
टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार, दयानिधि ने आरोप लगाया कि कलानिधि ने 15 सितंबर, 2003 के बाद अचानक बिना किसी वैध मंजूरी के सन टीवी प्राइवेट लिमिटेड के 12 लाख शेयर खुद को मात्र 10 रुपये प्रति शेयर के हिसाब से आवंटित कर लिए।
उस समय इन शेयरों की अनुमानित कीमत 3,500 करोड़ रुपये थी, लेकिन कलानिधि ने केवल 1.2 करोड़ रुपये ही दिए।
दयानिधि ने आरोप लगाया कि इसके लिए बोर्ड या शेयरधारकों की मंजूरी भी नहीं ली गई।
अन्य आरोप
कलानिधि ने रातोंरात स्थानांतरित किए शेयर- नोटिस में आरोप
दयानिधि का कहना है कि सन समूह की मूल कंपनी 'सुमंगली पब्लिकेशंस प्राइवेट लिमिटेड' के गठन के समय दिवंगत एम करुणानिधि की पत्नी एमके दयालु अम्मल और मुरासोली मारन की पत्नी मल्लिका मारन 50-50 प्रतिशत हिस्सेदारी वाली प्रमोटर थीं।
2003 में जब मुरासोली बीमार थे, तब कलानिधि ने शेयर खुद के नाम स्थानांतरित कर लिए। इससे रातोंरात कलानिधि की हिस्सेदारी बढ़कर 60 प्रतिशत हो गई और मल्लिका और दयालु अम्मल की हिस्सेदारी 50 से घटकर केवल 20 प्रतिशत रह गई।
धोखाधड़ी
दयानिधि बोले- कलानिधि ने कानूनी धोखाधड़ी की
दयानिधि ने आरोप लगाया कि कलानिधि ने 23 नवंबर, 2003 को मुरासोली के निधन से पहले ही शेयरों को अपने नाम कर लिया था। ऐसे में यह प्रक्रिया न केवल अवैध है, बल्कि जानबूझकर की गई धोखाधड़ी भी है।
दयानिधि ने कहा कि सहमति के बिना कलानिधि ने मल्लिका से 1,14,999 शेयर 10 रुपये की दर से अवैध रूप से स्थानांतरित करवाए, जबकि कुछ महीनों पहले उन्होंने दयालु अम्मल से 3,173.04 रुपये प्रति शेयर की दर से शेयर खरीदे थे।
कार्रवाई
दयानिधि ने कानूनी कार्रवाई करने की बात कही
दयानिधि ने कहा है कि अगर कंपनी को 15 सितंबर, 2003 की स्थिति में बहाल नहीं किया गया और सभी मूल हिस्सेदारों को उनके अधिकार नहीं लौटाए गए, तो वे नियामक प्राधिकरणं में कार्रवाई शुरू करेंगे।
उन्होंने BCCI से सनराइजर्स हैदराबाद की फ्रेंचाइजी रद्द कराने और DGCA से स्पाइसजेट की उड़ान अनुमति रद्द कराने की भी मांग करने की बात भी कही है।
दयानिधि ने मामले को परिवारिक और कॉर्पोरेट धोखाधड़ी करार दिया है।