एलन मस्क ने किया EVM हैक होने का दावा, राहुल गांधी बोले- ये एक ब्लैक बॉक्स
क्या है खबर?
लोकसभा चुनावों के बाद इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) का मुद्दा एक बार फिर सुर्खियों में है।
अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव से पहले उद्यमी और अरबपति एलन मस्क ने दावा किया है कि EVM को हैक किया जा सकता है और इनका इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए।
मस्क के दावे पर पूर्व केंद्रीय राजीव चंद्रशेखर की भी प्रतिक्रिया आई है। अब राहुल गांधी भी इस विवाद में कूद गए हैं और उन्होंने EVM को ब्लैक बॉक्स बताया है।
शुरुआत
कैसे शुरू हुआ विवाद?
दरअसल, अमेरिकी राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार कैनेडी जूनियर ने कहा था, 'प्यूर्टो रिको के प्राथमिक चुनावों में EVM से संबंधित सैकड़ों अनियमितताएं सामने आई हैं। सौभाग्य से यह एक पेपर ट्रेल था, इसलिए समस्या की पहचान की गई और वोटों की गिनती को सही किया गया।'
उन्होंने आगे कहा, 'सोचिए उन क्षेत्रों में क्या होता होगा, जहां कोई पेपर ट्रेल नहीं है? अमेरिकी नागरिकों के लिए यह जानना आवश्यक है कि उनके प्रत्येक वोट की गणना की गई है।'
जानकारी
कैनेडी के बयान पर मस्क ने क्या कहा था?
'एक्स' पर कैनेडी जूनियर की पोस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए मस्क ने कहा था, 'हमें इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों को खत्म कर देना चाहिए। इन्हें मनुष्यों या आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI) द्वारा हैक किए जाने का जोखिम, हालांकि छोटा है, लेकिन फिर भी बहुत अधिक है।'
राजीव चंद्रशेखर
मस्क की टिप्पणी पर राजीव चंद्रशेखर ने दी थी प्रतिक्रिया
पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा, "यह एक बहुत बड़ी टिप्पणी है। इसका अर्थ है कि कोई भी सुरक्षित डिजिटल हार्डवेयर नहीं बना सकता, ये गलत है। एलन का दृष्टिकोण अमेरिका और अन्य स्थानों पर लागू हो सकता है, जहां वे इंटरनेट से जुड़ी वोटिंग मशीन बनाने के लिए नियमित कंप्यूटर प्लेटफॉर्म का उपयोग करते हैं, लेकिन भारतीय EVM विशेष रूप से डिजाइन किए गए हैं, सुरक्षित हैं और किसी भी नेटवर्क या मीडिया से अलग हैं।"
राहुल
भारत में EVM एक 'ब्लैक बॉक्स'- राहुल गांधी
राहुल गांधी ने लिखा, 'भारत में EVM एक 'ब्लैक बॉक्स' है और किसी को भी उसकी जांच करने की अनुमति नहीं है। हमारी चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता को लेकर गंभीर चिंताएं जताई जा रही हैं। जब संस्थाओं में जवाबदेही की कमी होती है तो लोकतंत्र एक दिखावा बन जाता है और धोखाधड़ी की संभावना बढ़ जाती है।'
राहुल ने अखबार की तस्वीर भी साझा की है, जिसमें शिवसेना (शिंदे) सांसद रवींद्र वायकर के रिश्तेदार से जुड़ी घटना का जिक्र है।
चुनाव आयोग
चुनाव आयोग ने आरोपों को बताया निराधार
चुनाव आयोग ने आरोपों को निराधार बताया है।
एक अधिकारी ने कहा, "आज जो खबर आई उस को लेकर कुछ लोगो ने ट्वीट किए। EVM को अनलॉक करने के लिए कोई OTP नहीं लगता है। EVM किसी डिवाइस से कनेक्ट नहीं रहता। अखबार द्वारा पूरी तरह से गलत खबर चलाई गई है। EVM पूरी तरह अलग सिस्टम है। हमने अखबार को नोटिस जारी किया है। मानहानि का मामला भी किया गया है।"
विवाद
क्या है सांसद वायकर से जुड़ा विवाद?
दरअसल, मुंबई पुलिस ने वायकर के रिश्तेदार मंगेश पांडिलकर के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
पांडिलकर पर मुंबई के गोरेगांव चुनाव केंद्र के अंदर मोबाइल का इस्तेमाल करने के आरोप हैं।
पुलिस जांच में खुलासा हुआ है कि पांडिलकर ने उस फोन का इस्तेमाल किया था, जो EVM मशीन से जुड़ा था।
पता चला है कि मोबाइल का इस्तेमाल EVM को अनलॉक करने वाले OTP को जनरेट करने के लिए किया गया था।