पश्चिम बंगाल: एक हफ्ते में लिंचिंग के 12 मामले, कई लोगों की मौत
पश्चिम बंगाल में पिछले एक हफ्ते के अंदर भीड़ हिंसा (लिंचिंग) के 12 मामले सामने आए हैं, जिसमें कम से कम 4 लोगों की मौत हुई है। इंडिया टुडे के मुताबिक, राज्य के अलग-अलग हिस्सों में 22 जून से लेकर 30 जून तक कहीं चोरी के शक में तो कहीं सड़क पर हुए विवाद की वजह से भीड़ ने लोगों की जान ले ली। मामले पर भाजपा राज्य की तृणमूल सरकार पर हमलावर है।
22 जून को सामने आया था पहला मामला
झारग्राम जिले के जाम्बोनी इलाके में 22 जून को चोरी के शक में सौरव शॉ और उसके दोस्त को भीड़ ने पीट दिया था। सौरव की 9 दिन बाद मौत हो गई, जबकि उसका दोस्त गंभीर है। 30 जून को हुगली जिले में सड़क पर हुए विवाद में आशीष बौल दास की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। कोलकाता के साल्ट लेक में 29 जून को मोबाइल चोरी के शक में एक व्यक्ति की पीटकर हत्या की गई।
छात्रों के समूह ने भी पीटा
28 जून को उत्तरी दिनाजपुर जिले में तृणमूल कांग्रेस (TMC) के स्थानीय कद्दावर नेता ताजमुल हक ने कथित तौर पर एक जोड़े की पिटाई की। हक गिरफ्तार है। कोलकाता में 28 जून को उदयन हास्टल के छात्रों के समूह ने टीवी मैकेनिक को चोरी के आरोप में पकड़ा और पीटकर हत्या कर दी। वहीं कूच बिहार में 27 जून को भाजपा ने आरोप लगाया कि उनकी अल्पसंख्यक मोर्चा की महिला नेता को सड़क पर घसीटा और पीटा गया।
उत्तर 24 परगना में हुई 6 वारदात
पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना में भीड़ हिंसा के सबसे अधिक 6 मामले सामने आए हैं। यह सभी मामले बच्चा चोरी के संदेह से जुड़ी हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले 8 दिनों से, जिले भर में बच्चा चोरी की अफवाहें फैल रही हैं, जिसके कारण बारासात, गोपालनगर, गायघाटा, बनगांव, बैरकपुर और अशोकनगर जैसे इलाकों में भीड़ द्वारा हमले किए गए हैं। पुलिस ने सभी पीड़ितों को बचाया और उन्हें अस्पताल पहुंचाया। भीड़ ने पुलिस वाहन में तोड़फोड़ भी की।
अब तक हुए 25 गिरफ्तार
राज्य में 22 जून से 30 जून तक हुए अलग-अलग वारदातों में शामिल करीब 25 लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। इसमें TMC नेता और 14 छात्र भी शामिल हैं। घटनाओं को लेकर भाजपा के नेताओं ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की सरकार पर निशाना साधा है। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी एक्स पर सरकार को घेरा। भीड़ हिंसा की घटनाएं न रुकने को लेकर पुलिस की लापरवाही भी सामने आ रही है।