दिल्ली दंगे: क्या दिल्ली को दहलाने के लिए इंडोनेशिया के NGO से मिली थी फंडिंग?
नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को लेकर गत माह उत्तर-पूर्वी दिल्ली के एक दर्जन इलाकों में भड़की हिंसा की याद अभी भी लोगों के दिलों में ताजा है। मामले में भारतीय जांच एजेंसियां हिंसा के पीछे के कारण और सहयोग करने वालों का पता लगाने में जुटी है। इसी बीच जांच एजेंसियों को पुख्ता जानकारी मिली है कि हिंसा के दौरान इंडोनेशिया के एक गैर-सरकारी संगठन (NGO) ने इंटरनेट के जरिए पैसा एकत्रित कर दंगाइयों को पहुंचाया था।
NGO ने की थी दंगाइयों को 25 लाख रुपये भेजने की कोशिश- रिपोर्ट
न्यूज 18 की रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली में हुई हिंसा के दौरान इंडोनेशिया के एक NGO अक्सी केप्ता तंग्गाप (ACT) ने दंगाइयों को आर्थिक सहायता पहुंचाने की कोशिश की थी। रिपोर्ट के अनुसार इंडोनेशिया में अत्यधिक कट्टरपंथी माने जाने वाले ACT ने दिल्ली हिंसा के दौरान दंगाइयों को 25 लाख रुपये की सहायता भेजने का प्रयास किया था। NGO ने सोशल मीडिया के जरिए लोगों से दंगाइयों को मदद भेजने के लिए राशि मांगी थी।
एक रिपोर्ट के अुनसार दुबई से होते हुए भारत पहुंचा था पैसा
शनिवार को प्रकाशित हुई हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट में दावा किया है कि सहायता राशि के लिए पैसा हवाला के जरिए दुबई होते हुए भारत भेजा गया था। यह पैसा दंगों में अपनो को खोने वाले तथा घायल हुए मुसलमानों को भेजा गया था।
आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से भी बताया जा रहा है NGO का संबंध
रिपोर्टों ने यह भी दावा किया जा रहा है कि इस NGO का संबंध प्रमुख आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के चैरिटी संगठन फलाह-ए-इन्सानियत फाउंडेशन (FIF) से रहा है। FIF की स्थापना लश्कर-ए-तैयबा की राजनीतिक शाखा जमात-उद-दावा (JuD) द्वारा की गई थी। यह भी कहा जाता है कि इसी NGO ने साल 2015 में इंडोनेशिया के बांदा आचे क्षेत्र में रोहिंग्या मुसलमानों की सहायता के लिए विशेष शिविरों का आयोजन किया था।
सुरक्षा एजेंसियों ने नेताओं के बयानों पर जताई चिंता
भारत की सुरक्षा एजेंसियों ने दिल्ली हिंसा के दौरान नेताओं द्वारा दिए गए बयानों पर भी चिंता जताई है। एजेंसियों का मानना है कि उपद्रवियों ने नेताओं के बयानों के वीडियो और फोटो के आधार पर लोगों को हिंसक बनाने का प्रयास किया है।
NGO ने शुक्रवार को दी मामले में सफाई
सुरक्षा एजेंसियों की जानकारी के बीच NGO ने शुक्रवार को दक्षिण जकार्ता में एक संवाददाता सम्मेलन आयोजित किया। इसमें NGO के बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज के अध्यक्ष सैहेलमैदी सिउकुर ने कहा कि उनका NGO मानवीय आधार पर देश और विदेशों में पीड़ितों को सहायता मुहैया कराने के लिए आधिकारिक संगठनों के साथ संबंध स्थापित करता है। गत दो वर्षों से वह भारत में कई सहायता कार्यक्रमों चला रहे हैं। दिल्ली हिंसा में भी उन्होंने दंगा पीड़ितों की मदद की थी।
दिल्ली हिंसा के दौरान NGO ने जुटाए थे 40 लाख रुपये
इंडोनेशियाई समाचार पोर्टल ट्रिब्यून कल्टिम के अनुसार NGO ने कुछ दंगा पीड़ितों को पैसे भी दान किए थे। इसके लिए NGO ने सोशल मीडिया के जरिए विभिन्न संगठनों से 90 करोड़ इंडोनेशियाई रुपिया (लगभग 46.5 लाख रुपये) जुटाने का लक्ष्य रखा था। रिपोर्ट के अनुसार NGO को काफी मात्रा में राशि भी मिली थी। रिपोर्ट लिखे जाने तक NGO के खाते में ऑनलाइन ट्रांजेक्शन के जरिए 79 करोड़ इंडोनेशियाई रुपिया यानी 40.89 लाख रुपये आ चुके थे।
गृहमंत्री अमित शाह ने दिया था विदेश से पैसा आने का बयान
गृहमंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को संसद में कहा था कि दिल्ली हिंसा के लिए विदेश से पैसा भेजा गया था। हवाला फंडिंग मामले में 5 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने हिंसा में अवैध हथियारों का इस्तेमाल होने का भी दावा किया था।
दिल्ली हिंसा में हुई थी 53 लोगों की मौत
आपको बता दें कि CAA को लेकर दिल्ली के उत्तर-पूर्वी इलाकों में गत 23 फरवरी को हिंसा की शुरुआत हुई थी। यह हिंसा तीन दिन तक चलती रही थी। दिल्ली पुलिस के अनुसार हिंसा में अब तक कुल 53 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 300 से अधिक घायल हुए थे। गत रविवार तक पुलिस ने मामले में 700 से अधिक मामले दर्ज कर 2,400 लोगों को हिरासत या गिरफ्तार कर लिया था। मामले की जांच अभी जारी है।