वायनाड भूस्खलन पीड़ितों ने पुनर्वास में देरी के खिलाफ किया प्रदर्शन, पुलिस से भी हुई बहस
क्या है खबर?
केरल के वायनाड स्थित चूरलमाला में रविवार को भूस्खलन पीड़ितों ने पुनर्वास में देरी को लेकर विरोध प्रदर्शन किया। इसी बीच विरोध मार्च को पुलिस के रोकने से स्थिति तनावपूर्ण हो गई।
प्रदर्शनकारियों की पुलिस से तीखी बहस हुई और उन्होंने सोमवार को जिला कलक्ट्रेट के सामने अनशन पर बैठने की घोषणा कर दी।
प्रदर्शनकारी केन्द्र सरकार से त्वरित कार्रवाई और व्यापक राहत पैकेज की मांग कर रहे थे। उन्होंने राज्य सरकार की पुनर्वास योजना पर भी असंतोष व्यक्त किया।
आरोप
प्रदर्शनकारियों ने लगाया लाभार्थी सूची से बाहर रखने का आरोप
यह विरोध प्रदर्शन जनशादम एक्शन कमेटी के नेतृत्व में सुबह 9 बजे शुरू हुआ। पुनर्वास प्रयासों में देरी के कारण प्रदर्शनकारियों ने आपदा प्रभावित क्षेत्रों में अस्थायी आश्रय स्थल बनाने के लिए पहुंचने का प्रयास किया।
उन्होंने आरोप लगाया कि जुलाई 2024 की आपदा के बाद तैयार की गई लाभार्थी सूचियों में कई पीड़ितों के नाम शामिल नहीं थे।
प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि सरकार आपदा से प्रभावित लोगों से किए गए वादों से मुकर गई है।
मांग
प्रदर्शनकारियों ने धरना देकर की व्यापक पुनर्वास की मांग
विरोध तब और तेज हो गया जब प्रदर्शनकारियों ने चूरलमाला में चावल का दलिया पकाया और बेली ब्रिज पर मार्च किया। पुलिस ने उन्हें रोक दिया, जिसके परिणामस्वरूप गतिरोध पैदा हो गया।
जवाबी कार्रवाई में प्रदर्शनकारी सड़क पर बैठ गए और एक घंटे से ज्यादा समय तक नारे लगाते रहे। पुलिस अधिकारियों से बातचीत के बाद प्रदर्शन समाप्त हुआ।
हालांकि, इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने सोमवार को कलक्ट्रेट के सामने अनशन पर बैठने की घोषणा कर दी।
जानकारी
सरकार ने लाभार्थियों की दूसरी सूची का मसौदा जारी किया
सरकार ने पुनर्वास के लिए लाभार्थियों की दूसरी सूची जारी कर दी। इसमें 81 और लोगों के नाम शामिल हैं, जिससे पुनर्वास के लिए पात्र लोगों की कुल संख्या 323 हो गई है। यह कदम लगातार हो रहे विरोध प्रदर्शन के बाद उठाया गया है।