
मतदाता पहचान पत्र से लिंक होगा आधार, चुनाव आयोग और गृह मंत्रालय की बैठक में फैसला
क्या है खबर?
चुनाव आयोग और गृह मंत्रालय की मंगलवार को हुई बैठक में बड़ा फैसला लिया गया है। देश भर के मतदाता पहचान पत्रों को आधार कार्ड से लिंक किया जाएगा।
चुनाव आयोग आने वाले महीनों में इसके लिए तेज अभियान चलाएगा। यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (UIDAI) और चुनाव आयोग के विशेषज्ञ तकनीकी परामर्श शुरू करेंगे।
बैठक मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार के नेतृत्व में हुई, जिसमें चुनाव आयुक्त सुखबीर सिंह संधू, डॉ विवेक जोशी और अन्य केंद्रीय अधिकारी मौजूद रहे।
फैसला
संवैधानिक दायरे में रहते हुए लागू किया जाएगा फैसला
चुनाव आयोग ने फैसला लिया है कि मतदाता पहचान पत्र को आधार कार्ड से जोड़ने के लिए संवैधानिक दायरे में रहते हुए कार्रवाई की जाएगी।
इसके लिए संविधान के अनुच्छेद 326, जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 23(4), 23(5) और 23(6) के प्रावधानों और सुप्रीम कोर्ट के निर्णयों का पालन किया जाएगा।
बैठक में विधि मंत्रालय के सचिव, इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सचिव, UIDAI के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) और चुनाव आयोग के तकनीकी विशेषज्ञ भी शामिल थे।
नियम
क्या कहता है अनुच्छेद 326?
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 326 के अनुसार, भारत के प्रत्येक व्यस्क नागरिक को लोकसभा और राज्य विधानसभा में वोट देने का अधिकार है, जबकि आधार कार्ड केवल व्यक्ति की पहचान ही बताता है।
दिल्ली में मंगलवार को बैठक के दौरान निर्णय लिया गया कि आधार भारत में रहने वाले किसी भी व्यक्ति की पहचान स्थापित करने का सबसे अहम माध्यम है, ऐसे में उसे मतदाता पहचान पत्र से जोड़कर मतदाता की पहचान की जा सकेगी।