
अमेरिका: भारतीय ने पुलवामा हमले में शहीद जवानों के परिजनों के लिए जुटाए 5 करोड़ रुपये
क्या है खबर?
पुलवामा आतंकी हमले में शहीद हुए CRPF जवानों के परिवार के साथ पूरा देश खड़ा है और सभी अपनी-अपनी तरह से उनकी मदद करने की कोशिश कर रहे हैं।
शहीदों की मदद करने के मामले में विदेश में रह रहे भारतीय भी पीछे नहीं है।
इसकी बानगी पेश करते एक मामले में हजारों मील दूर अमेरिका में बैठे एक भारतीय ने CRPF जवानों के परिजनों को देने के लिए 5 करोड़ रुपये से ऊपर का चंदा इकट्ठा कर लिया।
भारत के वीर
विदेशी क्रेडिट और डेबिट कार्ड स्वीकार नहीं करती 'भारत के वीर' वेबसाइट
अमेरिका में रहने वाले NRI विवेक पटेल जवानों की शहादत से बेहद आहत हुए थे।
मूल रूप से गुजरात के वडोदरा के विवेक ने जब शहीदों के परिजनों के लिए भारत सरकार की वेबसाइट 'भारत के वीर' के जरिए मदद देने की सोची तो पाया कि वेबसाइट अमेरिकी क्रेडिट और डेबिट कार्ड से मदद स्वीकार नहीं कर रही है।
भारी ट्रैफिक के कारण वेबसाइट धीमी भी थी, इसलिए विवेक आर्थिक मदद नहीं दे पाए।
विवेक पटेल
विवेक ने शुरु किया फेसबुक फंडरेजर
यह दिक्कत भी विवेक को शहीदों की मदद करने से नहीं रोक पाई और उन्होंने खुद एक फंडरेजर शुरु किया, ताकि उनकी तरह अमेरिका में रह रहे भारतीय शहीदों की मदद कर सकें।
वर्जिनिया में वरिष्ठ बिजनस विश्लेषक के तौर पर काम करने वाले विवेक ने इसके लिए अपनी पहचान का इस्तेमाल किया।
उन्होंने फंडरेजर के लिए फेसबुक मैनेजर्स से भी संपर्क साधा।
शुरुआत में उन्होंने 500,000 अमेरिका डॉलर (लगभग 3.5 करोड़ रुपये) फंड इकट्ठा करने का लक्ष्य रखा था।
फेसबुक फंडरेजर
15 फरवरी को शुरु किया था फंडरेजर
विवेक ने फंडरेजर भारतीय समयानुसार 15 फरवरी को शुरु किया और यह इतना सफल रहा कि इसने महज 12 घंटे के अंदर अपने आधे लक्ष्य को पूरा कर लिया।
4 दिन के अंदर विवेक 500,000 अमेरिका डॉलर का अपना लक्ष्य पूरा करने में सफल रहे।
अभी तक इसमें लगभग 5.75 करोड़ रुपये का अनुदान आ चुका है।
बता दें कि फेसबुक फंडरेजर भारत में उपलब्ध नहीं है और इसमें केवल अमेरिकी मुद्रा में ही दान किया जा सकता है।
'उरी- द सर्जिकल स्ट्राइक'
हमले से ठीक पहले देखी थी 'उरी- द सर्जिकल स्ट्राइक'
14 फरवरी को हुए आतंकवादी हमले से ठीक पहले 'उरी- द सर्जिकल स्ट्राइक' देखने वाले विवेक ने बताया कि उन्हें आस्ट्रेलिया, जर्मनी और कनाडा से ऐसे कई लोगों के फोन आए जो शहीदों की मदद करना चाहते थे।
विवेक के अभियान के तहत सोमवार रात तक 21,000 लोगों ने अनुदान दिया, जबकि 75,000 लोगों ने फंडरेजर को शेयर किया।
उन्होंने इससे पहले छोटे अनुदान अभियान तो चलाए थे, लेकिन इतने बड़े स्तर पर उन्होंने पहली बार अभियान चलाया।
बयान
'कहीं भी रहें, कुछ भी करें, अंत में हम सभी भारतीय'
विवेक ने कहा, "आखिर में हम सभी भारतीय हैं। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि हम कहां रहते हैं, क्या करते हैं, हम हमेशा भारतीय ही रहेंगे। हम शहीदों के बलिदान की तुलना पैसे से नहीं कर सकते, लेकिन उनके परिवारों की मदद जरूर कर सकते हैं।"
विवेक यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि इतना पैसा सरलता से भारत में शहीदों के परिजनों के पास पहुंच सके।
वह इसके लिए CRPF अधिकारियों और अन्य लोगों के संपर्क में हैं।