उत्तरकाशी सुरंग में बचाव कार्य अंतिम चरण में, आज ही बाहर निकाले जा सकते हैं मजदूर
उत्तरकाशी की सिल्क्यारा सुरंग में बचाव अभियान अपने अंतिम चरण में पहुंच गया है। सुरंग में फंसे हुए 41 मजदूर आज ही बाहर निकाले जा सकते हैं। कई एंबुलेंस सुरंग के बाहर इंतजार कर रही हैं और बचाव कार्य में तेजी लाने में मदद के लिए दिल्ली से 7 विशेषज्ञों की एक टीम पहुंच चुकी है। तकनीकी खामी के कारण ऑगर ड्रिलिंग मशीन को बीच में रोकना पड़ा था, लेकिन अभी फिर से बचाव कार्य शुरू हो गया है।
कैसे सुरंग में डाले जा रहे पाइप?
ऑगर ड्रिलिंग मशीन जैसे ही ड्रिल करती है, तभी पाइपों को मलबे के माध्यम से धकेल दिया जाता है। जब एक पाइप पूरी तरह से अंदर घुस जाता है, तब दूसरे पाइप को उसमें वेल्ड कर जोड़ दिया जाता है। इस तरह से लंबे समय से सुरंग में फंसे मजदूरों के लिए बाहर निकलने का रास्ता तैयार किया जा रहा है। रातभर ड्रिलिंग का काम चलता रहा और अभी आखिरी 2-3 पाइप डाले जाने हैं।।
बचाव अभियान में स्टील रोड बना था बाधा
बचाव दल के अनुसार, मजदूरों को निकालने के लिए 800 मिमी व्यास वाले माइल्ड स्टील पाइप डाले जा रहे हैं, जिसके लिए ऑगर मशीन से ड्रिलिंग की जा रही है। इस दौरान एक स्टील रोड से मशीन टकरा गई, जिससे कुछ देर के लिए अभियान को रोकना पड़ा था। हालांकि, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) ने इसे मेटल कटर से काट कर बाहर नकाला और फिर राहत बचाव कार्य तेजी से शुरू कर दिया गया है।
मजदूर पाइप से कैसे बाहर निकाले जाएंगे?
एक बार जब बचाव पाइप मजदूरों तक पहुंच जाएगा, तो NDRF के साथ एक डॉक्टर जाएगा और उनकी स्थिति की जांच करेगा। इसके बाद NDRF मजदूरों को बताएगा कि इन चौड़े पाइपों के माध्यम से उन्हें कैसे रेंगकर बाहर निकलना है। इसके बाद NDRF की ही कड़ी निगरानी में एक-एक करके मजदूर पाइप के माध्यम से बाहर निकलेंगे। बाहर उनके परिजन भी मौजूद रहेंगे, लेकिन उन्हें सीधे उनके नहीं मिलने दिया जाएगा।
41 बिस्तरों वाला एक अलग वार्ड तैयार
PTI की रिपोर्ट के अनुसार, सिल्क्यारा सुरंग में फंसे मजदूरों के लिए चिन्यालीसौड़ के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में 41 बिस्तरों वाला एक अलग वार्ड तैयार किया गया है। मजदूर जैसे ही बाहर निकलते हैं, उन्हें वहां पहुंचाने के लिए 41 एम्बुलेंस सुरंग के बाहर खड़ी हैं, जो अस्पताल तक 30 किलोमीटर का रास्ता तय करेंगी। इसके अलावा डॉक्टरों की टीम के साथ मेडिकल उपकरण भी मौके पर पहुंच चुके हैं।
मुख्यमंत्री और जिलाधिकारी भी सुरंग के पास पहुंचे
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री कार्यालय ने जानकारी दी कि सिल्कयारा सुरंग के अंदर फंसे श्रमिकों को बचाने की तैयारी अंतिम चरण में है और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी खुद उत्तरकाशी में मौजूद हैं। घटनास्थल पर उत्तरकाशी जिलाधिकारी अभिषेक रुहेला भी पहुंच चुके हैं।
12 नवंबर से सुरंग में फंसे हैं मजदूर
12 नवंबर की सुबह लगभग 5:00 बजे भूस्खलन के चलते यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग स्थित सिलक्यारा-डंडालगांव सुरंग का एक हिस्सा अचानक ढह गया था, जिसके कारण 8 राज्यों के 41 मजदूर सुरंग में अंदर फंस गए। मजदूरों को बचाने के लिए सुरंग में 5 तरफ से ड्रिलिंग की जा रही है, जिसमें अलग-अलग एजेंसियां जुटी हुई हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी मुख्यमंत्री धामी से लगातार अभियान की जानकारी ले रहे हैं।