उत्तराखंड हिमस्खलन में 8 मजदूरों की मौत, 60 घंटे चला बचाव अभियान खत्म हुआ
क्या है खबर?
उत्तराखंड के चमोली में 28 फरवरी की सुबह हुए हिमस्खलन में 8 लोगों की मौत हो गई है। बचावकर्मियों ने 46 मजदूरों को बचा लिया है। आज 4 मजदूरों के शव बचावकर्मियों को मिले हैं।
इसके बाद भारतीय सेना, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP), राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) की टीमों ने करीब 60 घंटे चले बचाव अभियान को खत्म कर दिया है।
इस बीच बचाए गए मजदूरों ने घटना की भयावहता को बताया है।
शरीर
ठंड से सुन्न हो गए थे हाथ-पैर- मजदूर
बचाए गए मजदूरों में से एक 40 वर्षीय मनोज भंडारी ने हिंदुस्तान टाइम्स से कहा, "कंटेनर ढलान से सैकड़ों मीटर दूर लुढ़क गया। उसके टुकड़े-टुकड़े हो गए। मैं और मेरे 2 साथी बर्फीली ढलान पर गिर गए। हमारे फोन, बैग और दूसरा सामान कंटेनर के साथ बह गया। बर्फ पर नंगे पांव चलते हुए सेना के अतिथि कक्ष पहुंचे। हमारे पैर ठंड से सुन्न हो गए थे और शरीर अकड़ गया था।"
बर्फ
बर्फ की वजह से भाग नहीं पाए मजदूर
चमोली जिले के नारायणबागर के गोपाल जोशी भी हिमस्खलन की चपेट में आ गए थे।
उन्होंने समाचार एजेंसी PTI से कहा, "जैसे ही हम कंटेनर से बाहर निकले, हमने गड़गड़ाहट सुनी और देखा कि बर्फ का बड़ा ढेर हमारी ओर बढ़ रहा है। मैं साथियों को सचेत करने के लिए चिल्लाया और दौड़ा। कई फीट बर्फ के कारण हम नहीं भाग पा रहे थे। 2 घंटे बाद ITBP ने हमें बचाया।"
जन्म
मजदूर विपिन बोले- ऐसा लगा जैसे दूसरा जन्म हुआ है
हिमाचल प्रदेश के विपिन कुमार भी फिलहाल सेना के ज्योतिर्मठ अस्पताल में भर्ती हैं। वे करीब 15 मिनट तक बर्फ में दबे रहे थे।
उन्होंने टाइम्स ऑफ इंडिया से कहा, "मैंने तेज आवाज सुनी। इससे पहले कि मैं कुछ कर पाता, सब दूर अंधेरा हो गया। मुझे लगा सबकुछ खत्म हो गया है। मैं बर्फ से तभी बाहर निकल पाया, जब हिमस्खलन रुक गया। ऐसा लगा जैसे मेरा दूसरा जन्म हुआ हो।"
चोटें
ज्यादातर मजदूरों के पीठ, सिर और हाथ-पैर में चोटें
बचाए गए मजदूरों में से ज्यादातर को पीठ, सिर, हाथ और पैरों में चोटें आई हैं। सामान्य घायल मजदूरों को सेना अस्पताल में भर्ती किया गया है। वहीं, 2 मजदूरों की हालत गंभीर है, जिन्हें इलाज के लिए AIIMS ऋषिकेश भेजा गया है।
ये सभी मजदूर चमोली-बद्रीनाथ हाईवे के मरम्मत कार्य में लगे हुए थे। इनमें बिहार, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के 11-11, हिमाचल प्रदेश के 7 और जम्मू-कश्मीर और पंजाब का एक-एक मजदूर शामिल हैं।
अभियान
आज 4 मजदूरों की तलाश में जुटे थे 200 बचावकर्मी
आज लापता 4 मजदूरों की तलाश में 200 बचावकर्मी सुबह से बचाव अभियान जारी रखे हुए हैं। ड्रोन, रडार सिस्टम, स्निफर डॉग और थर्मल इमेज कैमरा से टीमें मजदूरों की तलाश में जुटी थी। सेना के 6 हेलीकॉप्टर भी लगे हुए थे।
हादसे में जान गंवाने वाले मजदूरों में 2 उत्तराखंड, 2 हिमाचल प्रदेश और 4 उत्तर प्रदेश के हैं।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जोशीमठ पहुंचकर बचाए गए मजदूरों से मुलाकात की।