उत्तर प्रदेश: संभल हिंसा में समाजवादी पार्टी के सांसद समेत 400 लोगों पर मुकदमा दर्ज
उत्तर प्रदेश के संभल में मस्जिद सर्वेक्षण को लेकर शुरू हुई सांप्रदायिक हिंसा में 4 लोगों की मौत के बाद 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने हिंसा में शामिल करीब 400 लोगों के खिलाफ 7 मामले दर्ज किए हैं। आरोपियों में समाजवादी पार्टी (SP) के सांसद जियाउर रहमान बर्क और उनके सहयोगी इकबाल महमूद के बेटे नवाब सुहैल इकबाल भी शामिल हैं। हिंसा में 22 से अधिक पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं।
पुलिस अधीक्षक ने बर्क के पूर्व बयानों को ठहराया जिम्मेदार
पुलिस अधीक्षक कृष्ण कुमार ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि बर्क के पूर्व बयान के कारण यहां स्थिति और खराब हो गई। उन्होंने बताया कि ड्रोन फुटेज का उपयोग करके प्रदर्शनकारियों की पहचान कर रहे हैं और आरोपियों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत कार्रवाई होगी। सांसद बर्क ने कहा कि पुलिस पर हत्या का मुकदमा दर्ज होना चाहिए क्योंकि उन्होंने सरकारी नहीं निजी हथियार से गोलियां चलाई हैं। बर्क ने हिंसा को साजिश बताया है।
कैसे शुरू हुई हिंसा?
संभल में 19 नवंबर से तनाव की स्थिति है। दरअसल, स्थानीय कोर्ट ने जामा मस्जिद के सर्वेक्षण का आदेश दिया था। याचिका में दावा था कि मस्जिद के स्थान पर हरिहर का मंदिर है। रविवार को सुबह 7:30 बजे वकील और कमिश्नर सर्वेक्षण के लिए पहुंचे थे। तभी मस्जिद के बाहर भीड़ जमा होने लगी और हंगामा शुरू कर दिया। अधिकारियों और मस्जिद के सदर ने भीड़ को शांत कराने की कोशिश की, लेकिन पथराव और आगजनी शुरू हो गई।
स्कूल और इंटरनेट बंद
हिंसा को देखते हुए जिला प्रशासन ने 24 घंटे के लिए जिले में इंटरनेट और स्कूल-कॉलेज बंद कर दिए हैं। इसके अलावा 30 नवंबर तक किसी बाहरी व्यक्ति, जनप्रतिनिधि और समाजिक संगठन के जिले में प्रवेश पर रोक है। भारी पुलिस बल तैनात है।
अखिलेश यादव का राज्य सरकार पर निशाना
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने राज्य सरकार पर निशाना साधा है और कहा कि दंगे योगी सरकार ने करवाए। उन्होंने कहा, "जब 19 नवंबर को एक सर्वे हो चुका था, तो फिर दूसरे सर्वे की क्या जरूरत थी? आरोपी पुलिसकर्मियों को सस्पेंड किया जाना चाहिए और उन पर हत्या का मुकदमा दर्ज किया जाना चाहिए।" अखिलेश ने कहा कि घटना के वक्त संभल के सांसद शहर में नहीं थे, फिर भी उन पर मामला दर्ज किया गया है।