उत्तर प्रदेश: स्कूल की सफलता के लिए संचालकों ने छात्र की दे दी बलि
उत्तर प्रदेश के हाथरस से रोंगटे खड़े करने वाला मामला सामने आया है। यहां निजी स्कूल के संचालक और शिक्षकों ने स्कूल की सफलता के लिए कक्षा 2 के छात्र की बलि चढ़ा दी। घटना थाना सहपऊ के अंतर्गत रसगवां के डीएल पब्लिक स्कूल की है। स्कूल के निदेशक दिनेश बघेल के पिता काले जादू में विश्वास करते थे, इसलिए छात्र की हत्या छात्रावास में की गई। पुलिस ने निदेशक, उसके पिता, 3 शिक्षकों समेत 5 को गिरफ्तार किया है।
22 सितंबर को वारदात को दिया गया अंजाम
पुलिस ने बताया कि आरोपियों ने मानव बलि की रस्म 6 सितंबर तय की थी, लेकिन बच्चे के शोर मचाने पर योजना विफल हो गई। उसका गला घोंटने की कोशिशों के बावजूद वह बच गया। इसके बाद सभी आरोपी 22 सितंबर की रात स्कूल के पीछे नलकूप के पास लड़के को बलि के लिए नींद में छात्रावास से लेकर आए। तांत्रिक क्रिया के दौरान वह नींद से जाग गया और चिल्लाने लगा। तभी आरोपियों ने घबराकर उसका गला घोंट दिया।
लड़के के पिता ने क्या बताया?
लड़के के पिता ने पुलिस को बताया, "मेरे बेटे के स्कूल से मुझे फोन आया कि बच्चे की हालत बहुत गंभीर है। कृपया तुरंत आएं। जब मैं अपने रास्ते में था, तो उन्होंने फिर फोन किया और कहा कि बच्चे की हालत ज्यादा बिगड़ने पर उसे सादाबाद ले जा रहे हैं। हमने आगरा की ओर उनका पीछा किया, लेकिन उन्होंने कार नहीं रोकी। जब हम वापस लौटे, तो सादाबाद में उनसे मिले, जहां उनकी कार में बच्चे का शव मिला।"
वित्तीय संकट से जूझ रहा है स्कूल
पुलिस ने बताया कि मामले की जांच के लिए जब वह स्कूल पहुंचे तो नलकूप के पास तांत्रिक अनुष्ठान संबंधी सामान मिला, जिससे गुप्त गतिविधियों के बारे में पता चला। पुलिस का मानना है कि अपराध के पीछे का मकसद अंधविश्वास था क्योंकि स्कूल वित्तीय संकट से जूझ रहा था और आरोपियों का मानना था कि मानव बलि चढ़ाने से स्कूल की सफलता सुनिश्चित होगी। हाथरस पुलिस अधीक्षक का कहना है कि मामले में पूछताछ चल रही है।