दिल्ली हादसे से लिया सबक, उत्तर प्रदेश में अवैध बेसमेंट के खिलाफ कार्रवाई का आदेश
दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर में कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में 3 छात्रों की जलभराव से हुई मौत के बाद उत्तर प्रदेश की सरकार सतर्क हो गई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश के बाद आवास विभाग के प्रमुख सचिव नीतिन रमेश गोकर्ण की ओर से सभी विकास प्राधिकरणों को निर्देश जारी किया गया है। अधिकारियों को निर्देश है कि वे अपने शहरों में अवैध और वैध रूप से बने सभी बेसमेंट की जांच कर 3 दिन में रिपोर्ट भेजें।
क्या होगी जांच?
अधिकारियों को निर्देश है कि वे इलाकों में बने बेसमेंट में देखें कि वह नक्शे के मुताबिक हैं कि नहीं। अगर बिना नक्शे के बेसमेंट बने हैं तो उन्हें तुरंत सील किया जाए। इसके अलावा जिन घरों, प्रतिष्ठानों और भवनों में बेसमेंट अनुमति से बने हैं, वहां जांच करनी होगी कि वे किस कार्य में उपयोग हो रहे हैं। अगर बेसमेंट को पार्किंग के लिए अनुमति मिली है और उसमें कोई और गतिविधि चल रही हो, तो कार्रवाई होगी।
मानसून में सभी बेसमेंट के कार्य रोकने के आदेश
शासन की ओर से निर्देश दिए गए हैं कि जिन इलाकों में मानसून के दौरान बेसमेंट खुदाई का काम चल रहा है उन्हें तुरंत रोक दिया जाए। अगर किसी कारणवश किसी जगह बेसमेंट की खुदाई आवश्यक हो तो वहां मानकों का पालन किया जाए, ताकि किसी प्रकार की जनहानि न हो। जांच के लिए अवर अभियंता, सहायक अभियंता और जोनल अधिकारी के नेतृत्व में टीम गठित करने के आदेश दिए गए हैं।
क्या है दिल्ली में 3 छात्रों की मौत का मामला?
27 जुलाई की शाम को ओल्ड राजेंद्र नगर स्थित राउ कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में बनी लाइब्रेरी में भारी बारिश के बाद पानी घर गया था। इस दौरान यहां फंसे 35 छात्रों में 3 की डूबने से मौत हो गई। मृतकों में केरल के नेविन डाल्विन, तेलंगाना की तान्या सोनी और उत्तर प्रदेश की श्रेया यादव हैं। मामले में कोचिंग के मालिक और संचालक समेत 7 को गिरफ्तार किया गया है। नगर निगम ने 13 कोचिंग सेंटर सील किए हैं।