धान की कटाई खत्म होते ही पराली जलाने की घटनाओं में बढ़ोतरी, ये प्रदेश सबसे आगे
क्या है खबर?
उत्तर प्रदेश और दिल्ली समेत कई राज्यों में धान की कटाई खत्म होने के साथ ही प्रदूषण बढ़ने की समस्या बढ़ने लगी है। इसका बड़ा कारण पराली जलाना बताया जा रहा है। राज्यों में सितंबर की शुरूआत और अक्टूबर मध्य तक प्रदूषण कम था, लेकिन दिवाली और उसके बाद पराली जलाने की घटना बढ़ने से प्रदूषण बढ़ गया है। रविवार को देशभर में 230 से ज्यादा पराली जलाने की घटनाएं सामने आई है, जबकि एक दिन पहले संख्या 535 थी।
प्रदूषण
इन प्रदेशों में अधिक जल रही पराली
भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI) की ओर से निगरानी उपग्रह के आंकड़े जारी किए हैं, जिससे पता चला कि 6 राज्यों में पराली जलाने की घटनाएं ज्यादा हो रही हैं। इसमें पंजाब, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, मध्य प्रदेश और दिल्ली शामिल है। रविवार को पंजाब में 178, राजस्थान में 34, उत्तर प्रदेश में 14 और हरियाणा में 4 घटनाएं दर्ज हुई हैं। हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और मध्य प्रदेश में बादलों के कारण पराली जलाने की घटनाएं कम पता चलीं।
आंकड़े
पंजाब और उत्तर प्रदेश पराली जलाने में सबसे आगे
पंजाब और उत्तर प्रदेश में पराली जलाने की घटनाएं सबसे अधिक है, जो कुल घटनाओं का 70 प्रतिशत से अधिक है। इस साल 15 सितंबर से अब तक 4,610 घटनाओं में पंजाब में 2,262, उत्तर प्रदेश में 1,018, राजस्थान में 719, मध्य प्रदेश में 486, हरियाणा में 122 और दिल्ली में 3 घटनाएं दर्ज हुई हैं। पंजाब में 25 अक्टूबर तक 40 दिनों में कुल 621 घटनाएं दर्ज की गई थी। अधिकतर घटना तरनतारन और संगरूर में हुई है।
प्रदूषण
दिल्ली में बिगड़ रही है हवा
महाराष्ट्र में पुणे स्थित भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान (IITM) ने बताया कि दिल्ली के PM2.5 सांद्रता में पराली जलाने का योगदान 25 अक्टूबर तक 3.5 प्रतिशत से कम रहा, लेकिन 28 अक्टूबर को 5.8 प्रतिशत के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया। दिल्ली में रविवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 300 के पार पहुंच गया, जो 'बेहद खराब' दर्जे का है। IITM ने चेतावनी दी कि 4 नवंबर को दिल्ली में AQI 'गंभीर' हो सकता है।