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उत्तर प्रदेश: भैंस के दूध का रायता खाकर ग्रामीणों ने फैला डर, वैक्सीन लगवाने पहुंचे
उत्तर प्रदेश के बदायूं में भैंस के दूध का रायता खाकर लोग वैक्सीन लगवाने पहुंचे

उत्तर प्रदेश: भैंस के दूध का रायता खाकर ग्रामीणों ने फैला डर, वैक्सीन लगवाने पहुंचे

लेखन गजेंद्र
Dec 29, 2025
03:04 pm

क्या है खबर?

उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले में एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। यहां के पिपरौली गांव में एक भैंस की मौत हो गई। खबर फैली की भैंस को पागल कुत्ते ने काटा था, जिससे उसको रैबीज हो गया था। इस बात की ग्रामीणों में दहशत बैठ गई और स्वास्थ्य केंद्र पर वैक्सीन से बचाव का टीका लगवाने पहुंच गई। हालांकि, सभी को टीका लगा दिया गया। ग्रामीण किस बात से डरकर टीका लगवाने पहुंचे थे? आइए, जानते हैं।

घटना

रायता खाकर क्यों डरे ग्रामीण?

उझानी थाना क्षेत्र के पिपरौली गांव में 23 दिसंबर को एक व्यक्ति की तेरहवीं का भोज आयोजित किया गया था, जिसमें सभी ग्रामीणों को न्यौता था। इस दौरान भोजन में खाने के साथ रायता परोसा गया। रायता गांव की ही भैंस के दूध से बनाया गया था। भोज के कुछ दिन बाद 26 दिसंबर को एक भैंस की मौत हो गई और गांव में खबर फैली की जिस भैंस की मौत हुई है, उसको पागल कुत्ते ने काटा था।

चिंता

चिंता में क्यों आए ग्रामीण?

दरअसल, गांव में किसी व्यक्ति ने बताया कि जिस व्यक्ति की तेरहवीं में रायता बना था, वह उसी भैंस के दूध से बना था, जिसे पागल कुत्ते ने काटा था। भैंस की रैबीज से मौत का डर ग्रामीणों में बैठ गया और वे वैक्सीन लगवाने के लिए उझानी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर पहुंच गए। ग्रामीणों को भय था कि रैबीज संक्रमित भैंस के दूध का रायता खाने से उन्हें भी रैबीज संक्रमण हो सकता है। इसलिए वे टीका लगवाने पहुंचे।

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चिकित्सा

चिकित्सा अधिकारियों ने क्या कहा?

जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) डॉ रामेश्वर मिश्रा ने घटना की पुष्टि की और कहा कि जिन लोगों को भी संदेह था, उन्हें रेबीज रोधी टीका लगाया गया है। हालांकि, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि सामान्यतः दूध उबालने के बाद रैबीज का कोई खतरा नहीं होता, लेकिन संभावित खतरे से बचने के लिए टीकाकरण किया गया। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव में हालात पर नजर रखे है।

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