प्रधानमंत्री ने पहनी थी भारतीय सेना की वर्दी, अदालत ने PMO को भेजा नोटिस
क्या है खबर?
इलाहाबाद की सत्र अदालत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा भारतीय सेना की वर्दी पहनने के मामले में उनके कार्यालय को नोटिस भेजा है।
दरअसल, राकेश नाथ पांडे नामक अधिवक्ता ने याचिका में कहा था कि 4 नवंबर, 2021 को नरेंद्र मोदी ने जम्मू-कश्मीर के नौशेरा में भारतीय सेना की वर्दी पहनी थी। उन्होंने प्रधानमंत्री के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग की थी।
भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 140 के तहत इसे दंडनीय अपराध माना गया है।
मामला
एक बार रद्द हो गई थी याचिका
पांडे की याचिका पर 21 दिसंबर को CJM जस्टिस हरेंद्र नाथ त्रिपाठी ने सुनवाई की थी। सुनवाई के दौरान अदालत ने इसे अधिकार क्षेत्र से बाहर का मामला बताते हुए खारिज कर दिया था।
इसके बाद पांडे ने जिला जलल नलिन कुमार की अदालत में संशोधित याचिका दाखिल की थी। इस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) को नोटिस भेजकर जवाब मांगा है। मामले में अगली सुनवाई 2 मार्च को होगी।
जानकारी
नौशेरा में जवानों के बीच थे नरेंद्र मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिवाली के मौके पर नौशेरा गए थे। यहां उन्होंने सेना के जवानों के साथ दिवाली मनाई थी। इस दौरान वो सेना की वर्दी में नजर आए थे।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मोदी पिछले कई सालों से जवानों के बीच दिवाली मनाते आ रहे हैं।
इससे पहले उन्होंने राजस्थान के जैसलमेर स्थित लोंगवाला पोस्ट पर दिवाली मनाई थी। 2019 में वो राजौरी की अग्रिम चौकी पर जवानों के बीच मौजूद थे।
मुद्दा
कई मौके पर सेना की वर्दी में नजर आ चुके हैं मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कई मौकों पर सेना की वर्दी में नजर आ चुके हैं और इस पर सवाल भी उठे हैं।
नौशेरा दौरे के बाद कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने सवाल उठाते हुए पूछा था कि क्या आम नागरिक सैन्य वर्दी पहन सकता है? क्या रक्षा मंत्री इस मामले में सफाई दे सकते हैं।
सेना के कई रिटायर अधिकारियों ने भी ऐसे ही सवाल उठाए थे। हालांकि, कई पूर्व अधिकारी मोदी के समर्थन में भी उतरे थे।
कानून
न्यूजबाइट्स प्लस (जानकारी)
IPC की धारा 140 और 171 के तहत अनाधिकृत तरीके से सेना, वायुसेना और नौसेना की वर्दी या उसके जैसी दिखने वाली वर्दी पहनने पर मामला दर्ज किया जा सकता है।
धारा 140 के तहत अगर कोई यह दिखाने के लिए कि वह सेना का हिस्सा है और सैन्य बलों की वर्दी पहनता है या कोई प्रतीक चिन्ह इस्तेमाल करता है तो उसे 500 रुपये का जुर्माना और तीन महीने तक की सजा हो सकती है।