उन्नाव मामला: पोस्टमार्टम रिपोर्ट में चोट का जिक्र नहीं, मृतक लड़कियों का अंतिम संस्कार हुआ
उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले में दो दलित लड़कियों की मौत की जांच कर रही पुलिस का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में किसी तरह की चोट की जानकारी नहीं मिली है। पुलिस ने बताया कि अभी तक मौत का असल कारण पता नहीं लग पाया है और वह ऑनर किलिंग समेत हर एंगल से इसकी जांच कर रही है। दूसरी तरफ गंभीर अवस्था में मिली तीसरी लड़की की हालत अभी भी नाजुक बताई जा रही है।
क्या है मामला?
उन्नाव जिले में बुधवार को तीन दलित लड़कियां अपने खेत में बेहोश मिली थी। इनमें से दो की अस्पताल ले जाते समय मौत हो गई और तीसरी की हालत गंभीर बनी हुई थी। तीनों लड़कियां पशुओं के लिए चारा लाने खेत गई थी। काफी देर तक न लौटने के बाद जब घरवालों ने तलाश शुरू की तो तीनों को खेत में बेसुध हालत में पाया। परिवार का दावा है कि तीनों को जहर दिया गया है।
परिजनों की शिकायत पर अज्ञात के खिलाफ FIR दर्ज
परिजनों की शिकायत पर पुलिस ने गुरुवार को अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 302 (हत्या) और 201 (सबूत मिटाना) के तहत FIR दर्ज की है। वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने बताया कि अभी तक यौन हमले का कोई सबूत नहीं मिला है। पुलिस ऑनर किलिंग और आत्महत्या समेत हर एंगल से इसकी जांच कर रही है। पुलिस यह भी जांच कर रही है कि परिजनों ने लड़कियों को बेहोश देखकर पुलिस को क्यों नहीं बुलाया।
घरों से 800 मीटर दूर मिले थे लड़कियों के शव
लड़कियां खेत में जिस जगह मिली थी, वो उनके घर से लगभग 800 मीटर की दूरी पर था। मृतक दोनों लड़कियां चचेरी बहनें थीं। इनका परिवार दिहाड़ी मजदूरी कर जीवनयापन करता है। दोनों परिवारों के पास एक-एक बीघे से भी कम जमीन है।
परिवार का दावा- लड़कियों के हाथ बंधे हुए थे
इंडियन एक्सप्रेस से बात करतेे हुए एक लड़की की मां ने बताया कि तीनों हर रोज की तरह पशुओं का चारा लेने खेत गई थीं। जब शाम 6 बजे तक वे वापस नहीं लौटी तो घरवालों ने उनकी तलाश शुरू की। उन्होंने बताया कि बेसुध हालत में लड़कियों को एक डॉक्टर के पास ले जाया गया। डॉक्टर ने उन्हें सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रेफर कर दिया। लड़कियों के हाथ चुन्नी से उनके गले के पास बंधे थे।
विसरा रिपोर्ट से चलेगा मौत के कारणों का पता- DGP
उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक एचसी अवस्थी ने बयान में बताया कि जानकारी मिलते ही पुलिस के बड़े अधिकारी मौके पर पहुंचे थे और दो लड़कियों की अस्पताल पहुंचने से पहले ही मौत हो गई थी। उन्होंने कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में दोनों लड़कियों के शरीर पर कोई चोट नहीं मिली है। रिपोर्ट में मौत का कारण भी पता नहीं चल पाया है और अब विसरा को जांच के लिए भेजा जाएगा।
तीसरी लड़की की हालत गंभीर लेकिन स्थिर
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के रिकॉर्ड को देखने पर पता चलता है कि दो लड़कियों को मृत अवस्था में अस्पताल लाया गया था, जबकि तीसरी बुरी तरह हांफ रही थी। उसके मुंह से झाग निकल रहे थे। घायल लड़की का इलाज कर रहे अस्पताल की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि उसे सदमा लगा था। यह जहर का मामला लग रहा है। उसकी हालत गंभीर लेकिन स्थिर बनी हुई है।
मृत लड़कियों का अंतिम संस्कार किया गया
दूसरी तरफ भारी सुरक्षा के बीच दोनों मृतक लड़कियां का अंतिम संस्कार कर दिया गया है। पुलिस की मौजूदगी में परिवार ने लड़कियों का अंतिम संस्कार किया। इस दौरान पुलिस और प्रशासन के तमाम आला अधिकारी गांव में मौजूद रहे।
विपक्षी पार्टियां सरकार पर हमलावर
दूसरी तरफ विपक्षी पार्टियां इस घटना को लेकर योगी सरकार पर हमलावर हैं। बसपा सुप्रीमो मायावती ने मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है तो सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने हाथरस, बदायूं और उन्नाव की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि भाजपा सरकार में महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं। वहीं प्रियंका गांधी ने घायल तीसरी लड़की को बेहतर इलाज के लिए दिल्ली भेजने की मांग की है। भीम आर्मी ने भी ऐसी ही मांग की है।