भारत में शहरी और ग्रामीण इलाकों की बेरोजगारी दर में हुआ इजाफा- CMIE
कोरोना वायरस महामारी का देश की बेरोजगाारी दर पर भी खासा असर पड़ा है। महामारी को लेकर लागू किए गए लॉकडाउन ने लाखों लोगों को रोजगार छीन लिया। इसी बीच सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (CMIE) की ओर से जारी किए गए आंकड़ों से पता चलता है कि भारत में 25 जुलाई को सप्ताह हुए सप्ताह में देश की की बेरोजगारी दर में इजाफा हुआ है। देश में बेरोजगारी दर बढ़कर 7.14 प्रतिशत पर पहुंच गई है।
एक सप्ताह में हुआ 1.16 प्रतिशत का इजाफा
हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार, CMIE के आंकड़ों में बताया गया है कि भारत में एक सप्ताह के अंतर में बेरोजगारी दर में 1.16 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। आंकड़ों के अनुसार 18 जुलाई को समाप्त हुए सप्ताह में देश में बेरोजगारी दर 5.98 प्रतिशत थी, जो अब बढ़कर 7.14 प्रतिशत पर पहुंच गई है। हालांकि, मासिक आधार पर बेरोजगारी दर में सुधार हुआ है, जो जून में 10 प्रतिशत के करीब पहुंच गई थी। यह थोड़ी राहत की बात है।
शहरी और ग्रामीण इलाकों की बेरोजगारी दर में हुआ इजाफा
CMIE के आंकड़ों के अनुसार, देश के ग्रामीण इलाकों में बेरोजगारी दर 18 जुलाई को समाप्त हुए सप्ताह 5.1 प्रतिशत थी, जो 25 जुलाई को बढ़कर 1.65 प्रतिशत के इजाफे के साथ 6.75 पर पहुंच गई है। इसी तरह शहरी इलाकों में आर्थिक गतिविधियों के फिर से खुलने के बाद भी बेरोजगारी दर में इजाफा हुआ है। पिछले सप्ताह शहरी बेरोजगारी दर 7.94 प्रतिशत थी, जो इस सप्ताह बढ़कर 8.01 प्रतिशत पर पहुंच चुकी है।
पिछले महीनों की तुलना में जुलाई में हुआ है सुधार
जुलाई में पिछले महीनों की तुलना में हालात बेहतर हुए हैं। जुलाई की शुरुआत से शहरी भारत में बेरोजगारी दर 9 प्रतिशत से नीचे रही है, जबकि राष्ट्रीय स्तर पर यह 8 प्रतिशत से कम रही। इसके उलट जून में देश में सकल मासिक बेरोजगारी दर 9.17 थी। उस दौरान शहरी बेरोजगारी दर 10.07 प्रतिशत और ग्रामीण दर 8.75 प्रतिशत थी। जुलाई के आर्थिक गतिविधियों के खुलने से बेरोजगारी दर में पिछले महीने की तुलना में सुधार हुआ है।
महामारी की दूसरी लहर में गई थी 2.3 करोड़ नौकरियां
CMIE के डाटा के अनुसार, देश में कोरोना महामारी की दूसरी लहर यानी अप्रैल-मई में औपचारिक और अनौपचारिक दोनों क्षेत्रों में लगभग 2.3 करोड़ नौकरियां गई थीं। हालांकि जून में अनौपचारिक क्षेत्र में हालात कुछ सुधरे हुए दिखाई दिए। जून में करीब 80 लाख नौकरियों की वापसी हुई थीं। हालांकि, यहां स्पष्ट कर दें कि केंद्र सरकार बेरोजगारी और रोजगार की स्थिति को जानने के लिए CMIE के डाटा का इस्तेमाल नहीं करती है।
NIBRI में भी देखने को मिली है गिरावट
इसी तरह सोमवार को जारी एक अन्य डाटा के अनुसार देश में 25 जुलाई समाप्त हुए सप्ताह में व्यापार विस्तार के बैरोमीटर में भी गिरावट दर्ज की गई है। नोमुरा इंडिया बिजनेस रिजम्पशन इंडेक्स (NIBRI) 25 जुलाई को समाप्त सप्ताह के लिए पिछले सप्ताह 96.4 से गिरकर 95.3 हो गया। सूचकांक में गिरावट व्यावसायिक गतिविधि में गिरावट को दर्शाती है। नोमुरा ने कहा कि सूचकांक दूसरी लहर में पहले के मुकाबले 4.7 प्रतिशत नीचे आ गया।