सनातन धर्म के खिलाफ टिप्पणी: उदयनिधि स्टालिन और अन्य DMK नेताओं को राहत, लेकिन फटकार लगी
मद्रास हाई कोर्ट ने सनातन धर्म के खिलाफ विवादित टिप्पणी करने पर द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK) के नेता और तमिलनाडु के मंत्री उदयनिधि स्टालिन समेत अन्य को राहत दी है। उन्हें मंत्री पद से हटाने की याचिकाएं खारिज करते हुए हाई कोर्ट ने कहा कि स्टालिन और अन्य नेताओं की टिप्पणियां गलत थीं, लेकिन उन्हें अभी तक किसी भी कोर्ट ने दोषी नहीं ठहराया है। हालांकि, कोर्ट ने DMK नेताओं को फटकार लगाई है।
हाई कोर्ट ने क्या कहा?
हाई कोर्ट ने कहा कि सनातन धर्म को HIV, मलेरिया और डेंगू से जोड़ना संवैधानिक सिद्धांतों के खिलाफ है और गलत सूचना फैलाने के बराबर है। कोर्ट ने कहा कि संवैधानिक पद पर बैठे किसी व्यक्ति द्वारा विभाजनकारी टिप्पणियां नहीं की जानी चाहिए और संवैधानिक पद पर बैठे लोगों को केवल एक सिद्धांत का पालन करना चाहिए, जो संवैधानिकता का सिद्धांत है। कोर्ट ने कहा कि स्टालिन के खिलाफ कानून के तहत कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
क्या है मामला?
सितंबर, 2023 में एक कार्यक्रम के दौरान तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि ने सनातन धर्म की तुलना डेंगू-मलेरिया से की थी, जिसके बाद विवाद खड़ा हो गया था। उदयनिधि ने कहा था कि न केवल इसका विरोध नहीं किया जाना चाहिए, बल्कि इसे हटा देना चाहिए। उन्होंने कहा था कि कुछ चीजों का विरोध नहीं कर सकते, इसलिए उन्हें खत्म करना चाहिए। इसके बाद DMK नेता ए राजा ने इसे HIV वायरस बताया था।