विकास दुबे गैंग द्वारा पुलिसकर्मियों की हत्या मामले में चार्जशीट दाखिल, दो पुलिसकर्मियों समेत 36 आरोपी
कानपुर पुलिस ने गत 2 जुलाई को बिकरू गांव में गैंगस्टर विकास दुबे और उसके साथियों को पकड़ने गई पुलिस टीम पर फायरिंग किए जाने के मामले में शुक्रवार को माती कोर्ट में अपनी 2,056 पन्नों की चार्जशीट पेश कर दी है। पुलिस ने इसमें विकास दुबे गिरोह के सहयोगी रहे दो पुलिसकर्मियों सहित कुल 36 लोगों को आरोपी बनाया है। दो आरोपी अभी पुलिस गिरफ्त से बाहर है। ऐसे में उनके खिलाफ गिरफ्तारी के बाद चार्जशीट पेश की जाएगी।
विकास दुबे को पकड़ने गई पुलिस टीम पर हुआ था हमला
बता दें कि गत 2 जुलाई की रात पुलिस टीम ने गैंगस्टर विकास दुबे को गिरफ्तार करने के लिए शिवली थाना क्षेत्र के बिकरू गांव में दबिश दी थी। उस दौरान विकास दुबे ने अपने गुर्गों के साथ मिलकर पुलिस टीम पर अंधाधुंध फायरिंग कर दी थी। इसमें पुलिस उपाधीक्षक (DSP) सहित आठ पुलिसकर्मियों की मौत हो गई थी, जबकि आठ अन्य पुलिसकर्मी घायल हो गए थे। वारदात के बाद विकास दुबे और उसके साथी फरार हो गए थे।
हमले में सैकड़ों कारतूसों का किया गया था उपयोग- पुलिस
पुलिस अधीक्षक (SP) ग्रामीण बृजेश श्रीवास्तव ने बताया कि 2,056 पन्नों की चार्जशीट में मुख्य आरोप पत्र के 79 पन्ने हैं, जबकि शेष केस डायरी और साक्ष्य संकलन के हैं। उन्होंने बताया कि वारदात में आरोपियों ने सैकड़ों कारतूसों का उपयोग किया था, लेकिन घटना को कमतर दिखाने के लिए विकास दुबे ने कारतूसों के खाली खोल बिनवा लिए थे। ऐसे में मौका मुआयना के दौरान मौके पर महज छह दर्जन कारतूस व खाली खोल बरामद हुए थे।
दो पुलिसकर्मियों को माना गया है दोषी- SP
SP श्रीवास्तव ने बताया कि चार्जशीट में पूर्व थानप्रभारी विनय तिवारी और उप निरीक्षक केके शर्मा को दबिश की सूचना लीक करने का दोषी माना गया है। साक्ष्य के के लिए दोनों की मोबाइल कॉल डिटेल के साथ वायरल ऑडियो को भी आधार बनाया गया है। उन्होंने बताया कि दोनों घटना के बाद निलंबित कर दिया था और वर्तमान में वह पुलिस हिरासत में हैं। इसी तरह 34 अन्य आरोपी भी पुलिस की हिरासत में चल रहे हैं।
दो आरोपियों की जारी है तलाश
SP श्रीवास्तव ने बताया कि मामले में कुल 44 लोगों के नाम सामने आए थे। इनमें से छह एनकाउंटर में मारे गए, जबकि पूछताछ के बाद एनकाउंटर में मारे गए अतुल दुबे का बेटा वितुल दुबे व उमाशंकर अभी फरार हैं। उन्होंने बताया कि विकास दुबे के गुर्गे शशिकांत पांडेय की पत्नी मनु पांडेय को आरोपित नहीं बनाया है। हालांकि, उसे क्लीनचिट नहीं दी गई है और वह जांच के दायरे में है। उसके कई ऑडियो वायरल हुए थे।
पुलिस एनकाउंटर में मारा गया था गैंगस्टर विकास दुबे
पुलिसकर्मियों पर हमले का मुख्य आरोपी विकास दुबे ने कुछ दिन तक फरार रहने के बाद 9 जुलाई को मध्य प्रदेश के उज्जैन में सरेंडर कर दिया था। शुरुआती पूछताछ के बाद उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (STF) उसे कानपुर लेकर आ रही थी। पुलिस का कहना है कि संचेड़ी के पास कार अचानक पलट गई। उस दौरान विकास ने पुलिसकर्मी के पिस्तौल लेकर भागने की कोशिश की थी। जवाबी फायरिंग में उसकी मौत हो गई।