खुलासा: गंतव्य तक पहुंचने के लिए सालाना 48,000 करोड़ की रिश्वत देते हैं ट्रक ड्राइवर
शारीरिक थकान और मानसिक परेशानियों से जद्दोजहद के बीच दिन-रात काम करने वाले ट्रक ड्राइवरों और उनके मालिकों को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। 'सेव लाइफ फाउंडेशन' की ओर से शुक्रवार को जारी की गई एक रिपोर्ट में ट्रक ड्राइवर और उनके मालिकों द्वारा सालाना 47,852 करोड़ रुपये की रिश्वत दिए जाने का दावा किया गया है। इस रिपोर्ट ने पुलिस और जिम्मेदार विभागों के अधिकारियों की ईमानदारी की पोल खोलकर रख दी है।
10 शहरों में सर्वे कर तैयार की गई रिपोर्ट
फाउंडेशन ने महिंद्रा एंड महिंद्रा के सहयोग से देश के 10 प्रमुख शहरों, दिल्ली-एनसीआर, मुंबई, चेन्नई, कोलकाता, बेंगलुरु, जयपुर, अहमदाबाद, गुवाहाटी, कानपुर और विजयवाड़ा के 1217 ट्रक ड्राइवरों और 100 मालिकों से की गई बातचीत के आधार पर ये रिपोर्ट तैयार की है।
हर यात्रा पर औसतन 1,217 रुपये की रिश्वत
सर्वे में बताया गया है कि ट्रक ड्राइवरों ने अपनी प्रत्येक यात्रा के दौरान औसतन 1,257 रुपये की रिश्वत दी। ट्रक ड्राइवर और मालिकों ने बताया कि उन्होंने यह रिश्वत सड़क पर नाकाबंदी करने वाले विभिन्न थानों के पुलिसकर्मियों, विभिन्न क्षेत्रों में तैनात परिवहन अधिकारियों और कर्मचारियों को दी है। उन्होंने ये भी बताया है कि कुछ आपराधिक तत्व सड़कों पर अनाधिकृत चेकपोस्ट लगाकर नियमित रूप से उगाही करते हैं।
रिश्वत लेने के मामले में पुलिस सबसे आगे
रिपोर्ट के अनुसार ट्रक ड्राइवर और उनके मालिकों से रिश्वत लेने के मामले में पुलिस सबसे आगे रही है। ट्रक ड्राइवर और मालिक सालाना 22,000 करोड़ रुपये पुलिस को रिश्वत के तौर पर देते हैं। इसके बाद दूसरे पायदान पर क्षेत्रीय परिवहन कार्यायल (RTO) के अधिकारी आते हैं, जिन्हें सालाना 19,500 करोड़ रुपये की रिश्वत दी जाती है। इसी तरह धार्मिक आयोजनों जैसे जागरण, मेला और अवैध वसूली के रूप में 5,900 करोड़ देने होते हैं।
ट्रक ड्राइवरों ने गुवाहाटी में दी सर्वाधिक रिश्वत
रिपोर्ट में पाया गया कि 97.5% ट्रक ड्राइवरों ने सबसे अधिक रिश्वत गुवाहाटी में दी है। इसके बाद चेन्नई में 89% और राजधानी दिल्ली में 84.4% ड्राइवरों ने रिश्वत देने की बात स्वीकार की है। इसी तरह 44% ट्रक ड्राइवरों ने स्वीकार किया कि उन्होंने अपनी रिश्वत का 94% हिस्सा बेंगलुरू और 93.4% हिस्सा गुवाहाटी के क्षेत्री परिवहन अधिकारी के कर्मचारियों को दिया। रिश्वत के बाद उन्हें अगले चेकपोस्ट पर दिखाने के लिए अलग पर्ची भी दी जाती है।
ड्राइविंग लाइसेंस के नवीनीकरण को लेकर दिल्ली में ली जाती है सर्वाधिक रिश्वत
सर्वे के अनुसार 47% ट्रक ड्राइवरों ने लाइसेंस के नवीनीकरण को लेकर सर्वाधिक रिश्वत देने की बात स्वीकार की है। मुंबई में सबसे ज्यादा 93%, गुवाहाटी में 83% और दिल्ली में 78% ड्राइवरों ने इसके लिए रिश्वत देने की बात स्वीकार की है। उन्होंने बताया कि लाइसेंस नवीनीकरण को लेकर उन्होंने औसतन 1,789 रुपये की रिश्वत का भुगतान किया, लेकिन राजधानी दिल्ली में इसके लिए सबसे ज्यादा 2,025 रुपये का भुगतान करना पड़ा है।
अपने काम से संतुष्ट नहीं हैं 53 प्रतिशत ट्रक ड्राइवर
महिंद्रा एंड महिंद्रा के वीपी-एडमिन विजय नायर ने रिपोर्ट जारी करते हुए बताया कि 53 प्रतिशत ट्रक ड्राइवर अपने काम से संतुष्ट नहीं हैं। उन्होंने इसके पीछे अनियमित आय, उत्पीड़न और काम के अनियमित घंटों को प्रमुख कारण बताया है। स्वास्थ्य समस्याएं और सामाजिक सुरक्षा भी उनके असंतोष के कारण हैं। ड्राइवरों ने बताया कि वे प्रतिदिन करीब 12 घंटे वाहन चलाते हैं। 50% ड्राइवर थकान और अनिंद्रा के बाद भी लगातार वाहन चलाते हैं।
जगे रहने के लिए करते हैं नशीले पदार्थों का सेवन
सर्वे में शामिल कुछ ड्राइवरों ने स्वीकार किया है कि वे काम की अधिकता के कारण बिना सोए वाहन चलाते हैं और नींद से बचने के लिए नशीले पदार्थों का सेवन करते हैं। ऐसे करने वालों में कानपुर और दिल्ली के ड्राइवर अधिक हैं।
देश के सड़क परिवहन की लाइफ लाइन है ट्रक ड्राइवर
वीपी-एडमिन विजय नायर ने बताया कि ट्रक ड्राइवर भारत के सड़क परिवहन की लाइफ लाइन है। उन्होंने कहा कि ड्राइवरों की सुरक्षा और जागरुकता को बढ़ाने के लिए कई प्रयास किए गए हैं, लेकिन यह अध्ययन कई कमियों को उजागर करता है और उनकी समस्याओं को हल करना बेहद महत्वपूर्ण है। फाउंडेशन के CEO पीयूष तिवारी ने कहा कि इस सर्वे के माध्यम से वे ड्राइवरों के असुरक्षित वाहन चालन के कारणों का पता लगाना चाहते थे।