देहरादून में नस्लीय हमला मामला: त्रिपुरा छात्र को चाकू-कड़ा से मारा गया, लकवाग्रस्त हुआ था शरीर
क्या है खबर?
उत्तराखंड के देहरादून में त्रिपुरा के 24 वर्षीय छात्र एंजेल चकमा की नस्लीय हत्या को लेकर लोगों का गुस्सा बढ़ता जा रहा है। इंडिया टुडे ने ग्राफिक एरा अस्पताल की एक मेडिकल रिपोर्ट के हवाले से बताया कि छात्र को गंभीर चोटें लगी थी, जिससे उनकी मृत्यु हो गई। छात्र की पीठ और सिर के पिछले भाग पर गहरे घाव पाए गए। उसके पैर पर कई खरोंचें थीं, जबकि शरीर का दाहिना हिस्सा लकवाग्रस्त हो गया था।
जांच
चाकू और कड़े से किया गया था वार
अस्पताल की रिपोर्ट में पता चला कि उसका दाहिना शरीर ऊपर से नीचे तक पूरी तरह से शक्तिहीन था और संवेदी अक्षमताएं भी थीं। रिपोर्ट में छात्र की रीढ़ की हड्डी में चोट और मस्तिष्क में दरारें भी बताई गईं हैं। न्यूज़18 की रिपोर्ट के मुताबिक, छात्र पर हाथ में पहनने वाले धातु के कड़े और चाकू से हमला किया गया था, जिससे उसके शरीर और सिर पर गहरी चोट आई थी।
विरोध
पूर्वोत्तर के नेताओं और संगठनों का विरोध बढ़ा
पूर्वोत्तर के नेताओं में घटना को लेकर गुस्सा बढ़ता जा रहा है। त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा ने उत्तरांखड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से बात की है और पीड़ित को न्याय दिलाने को कहा। मेघालय के मुख्यमंत्री कॉनराड संगमा, असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा और मणिपुर के पूर्व मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने घटना की निंदा की है। कुकी छात्र संगठन ने घटना को साधारण हिंसा नहीं, बल्कि नस्लभेद, नियमित भेदभाव और संरचनात्मक संस्थागत की अनदेखी कहा है।
घटना
क्या है पूरा मामला?
देहरादून के सेलाकुई में 9 दिसंबर को नशे में धुत कुछ युवकों के समूह ने एंजेल और छोटे भाई माइकल चकमा को 'चाइनीज मोमो' कहकर चिढ़ाया। एंजेल ने जब इसका विरोध किया तो आरोपियों ने चाकू से हमला कर दिया। एंजेल को गंभीर चोटों के बीच ग्राफिर एरा अस्पताल में भर्ती किया, जहां 17 दिन बाद 26 दिसंबर को उसकी मौत हो गई। पुलिस ने 2 नाबालिग समेत 5 को गिरफ्तार किया है। मुख्य आरोपी यज्ञ अवस्थी नेपाल फरार है।