एक राज्य तक ही सीमित है किसान आंदोलन, जल्द होगा समाधान- कृषि मंत्री
कृषि कानूनों को लेकर चल रहा किसानों का आंदोलन अब सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है। मामले में बुधवार को हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने किसान और सरकार के बीच गतिरोध समाप्त करने के लिए एक समिति बनाने का प्रस्ताव दिया है। इसी बीच केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कृषि कानूनों पर विरोध अपवाद के रूप में एक राज्य तक ही सीमित है और जल्द ही इसका समाधान कर दिया जाएगा।
कृषि कानूनों को लेकर देश में है उत्साह का माहौल- तोमर
कृषि मंत्री तोमर ने उद्योग मंडल एसोचैम के आभासी सम्मेलन में कहा, "कृषि कानूनों को लेकर जारी विरोध महज एक राज्य तक ही सीमित है। हम मामले में किसानों से चर्चा कर रहे हैं और जल्द ही इसका समाधान हो जाएगा।" उन्होंने कहा, "कृषि कानूनों से देश में उत्साह का माहौल है। जहां एक तरफ आंदोलन हो रहा है, वहीं दूसरी ओर लाखों किसान इन कानूनों के समर्थन में हैं।" इस दौरान उन्होंने कानूनों से होने वाले फायदे भी गिनाए।
कोरोना महामारी के बीच सरकार ने कृषि क्षेत्र के उत्थान के लिए उठाए कदम- तोमर
कृषि मंत्री तोमर ने कहा, "सरकार ने कोरोना वायरस महामारी से बिगड़ती अर्थव्यवस्था के बीच कृषि क्षेत्र के उत्थान के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। इसमें कृषि-स्तरीय बुनियादी सुविधाओं को बढ़ावा देने के लिए एक लाख करोड़ रुपये का फंड देने के साथ 10,000 किसान उत्पादक संगठन (FPO) की स्थापना की है।" उन्होंने कहा कि ये सुधार ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करेंगे और खेती के तरीके को आसान बनाएंगे।
मंडियो में जारी रहेगी MSP की व्यवस्था- तोमर
तोमर ने कहा कि किसानों चिंता MSP खत्म होने को लेकर है। वह पहले भी कह चुके हैं और फिर से कहना चाहते हैं कि MSP व्यवस्था पहले की तरह जारी रहेगी। इसके साथ किसान कहीं भी फसल बेचने के लिए भी आजाद होगा।
कृषि कानूनों से जुड़ा मुद्दा क्या है?
मोदी सरकार कृषि क्षेत्र में सुधार के लिए तीन कानून लेकर लाई है जिनमें सरकारी मंडियों के बाहर खरीद के लिए व्यापारिक इलाके बनाने, अनुबंध खेती को मंजूरी देने और कई अनाजों और दालों की भंडारण सीमा खत्म करने समेत कई प्रावधान किए गए हैं। पंजाब और हरियाणा समेत कई राज्यों के किसान इन कानूनों का जमकर विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि इनके जरिये सरकार मंडियों और न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से छुटकारा पाना चाहती है।
किसानों से बातचीत की तैयार कर रही है सरकार
बता दें कि किसानों के आंदोलन को खत्म कराने के लिए सरकार उनसे बातचीत आगे बढ़ाने का प्रयास कर रही है। कृषि मंत्री तोमर ने मंगलवार को कहा कि सरकार दोनों पक्षों के बीच वार्ता की अगली तारीख का फैसला करने के लिए किसानों नेताओं के संपर्क में है। उन्होंने कहा कि सरकार किसी भी समय बातचीत के लिए तैयार है। किसान नेताओं को सरकार को बताना है कि वो अगली बातचीत के लिए कब तैयार हैं।
जल्द ही राष्ट्रीय मुद्दा बन सकता है किसानों का प्रदर्शन- सुप्रीम कोर्ट
किसानों की याचिका पर सुनवाई करते सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि किसानों के प्रदर्शन का मामला कुछ ही दिनों में राष्ट्रीय मुद्दा बन सकता है। इसलिए कोर्ट इसके समाधान के लिए समिति के गठन का प्रस्ताव देता है। इसमें किसान संगठन और सरकार, दोनों पक्षों के प्रतिनिधि शामिल होंगे। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने इस बात का भी संज्ञान लिया कि सरकार और किसानों के बीच अभी तक हुई बातचीत से हल क्यों नहीं निकला है।