तेलंगाना की सुरंग में 48 घंटे से फंसे 8 मजदूर, सिल्कयारा टीम बचाव अभियान में शामिल
क्या है खबर?
तेलंगाना के नागरकुरनूल जिले में श्रीशैलम लेफ्ट बैंक कैनाल (SLBC) सुरंग के अंदर पिछले 48 घंटे से फंसे 8 मजदूरों को निकालने के लिए बचाव अभियान तेज हो गया है।
अब मजदूरों को सुरक्षित निकालने के लिए अभियान में उत्तराखंड के सिलक्यारा सुरंग में फंसे मजदूरों को सुरक्षित बचाने वाली टीम को शामिल किया गया है।
बताया जा रहा है कि सुरंग में कीचड़ और पानी काफी ज्यादा है, जिससे उनको बचाने में समस्या आ रही है।
अभियान
बचाव टीम फंसे मजदूरों से 40 मीटर दूर
नागरकुरनूल के जिला कलेक्टर बी संतोष का कहना है कि हादसा सुरंग के मुहाने से 13 किलोमीटर दूर हुआ है और बचाव टीम फंसे मजदूरों से करीब 40 किलोमीटर दूर है।
उनका कहना है कि अब मशीन की मदद से वहां पहुंचने की कोशिश जारी है, साथ ही पानी निकालने का काम भी चल रहा है।
उन्होंने बताया कि किसी प्रकार के नुकसान को रोकने के प्रयास किए जा रहे हैं। मजदूरों से संपर्क कट चुका है।
आशा
मंत्री ने कहा, सभी के बचने की संभावना कम
तेलंगाना के मंत्री जुपल्ली कृष्ण राव ने अभियान के बीच में कहा कि वह बचने की संभावना का अनुमान नहीं लगा सकते हैं, लेकिन संभावना बहुत अच्छी नहीं है. अगर थोड़ी सी भी संभावना है, तो उन्हें बचाने की कोशिश करेंगे।
उन्होंने बताया कि अंदर फंसे 8 लोगों में 4 मजदूर, 2 कंपनी के कर्मचारी और 2 अंतरराष्ट्रीय कर्मचारी हैं, हम कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं और कोई चूक नहीं हुई है।
सुरंग के अंदर मलबा जमा है।
हादसा
कैसे हुआ हादसा?
शनिवार 22 फरवरी को सुबह 8:30 बजे सुरंग के प्रवेश द्वार से करीब 13 किलोमीटर अंदर सुरंग की छत का 3 मीटर का हिस्सा अचानक ढह गया।
इस दौरान सुरंग के अंदर करीब 60 लोग काम कर रहे थे, जिसमें 52 लोग किसी तरह जान बचाकर भाग निकले, लेकिन टनल बोरिंग मशीन चला रहे 8 लोग अंदर ही फंस गए।
बचाव अभियान में सेना के जवान, राष्ट्रीय और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF-SDRF) के 265 लोग शामिल हैं।
बचाव
कौन है सिल्कयारा बचाव अभियान की टीम?
उत्तराखंड के उत्तरकाशी में नवंबर 2023 में सिलक्यारा सुरंग का काम चल रहा था। इस दौरान 41 मजदूर सुरंग के ढहने से उसके अंदर फंस गए थे।
करीब 17 दिन तक बचाव अभियान चला, जिसके बाद सभी मजदूरों को सकुशल बाहर निकाला गया था।
उस बचाव अभियान के पीछे कार्य कर रहे 6 सदस्यों को तेलंगाना बचाव अभियान में शामिल किया गया है।
हालांकि, सिलक्यारा हादसे में सुरंग के अंदर पानी न भरने से अभियान सही दिशा में था।