#NewsBytesExplainer: क्या है नागार्जुन सागर बांध विवाद, जिसे लेकर तेलंगाना और आंध्र प्रदेश भिड़े?
आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के बीच कृष्णा नदी पर स्थित नागार्जुन सागर बांध को लेकर तनाव की स्थिति बन गई है। केंद्र सरकार ने विवाद को बढ़ता देख बांध को अब अपने कब्जे में लेकर यहां केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) की तैनाती कर दी है। इससे पहले तेलंगाना के मुख्य सचिव ने आंध्र प्रदेश सराकर पर बांध पर कब्जा करने का आरोप लगाया था। आइए जानते हैं कि नागार्जुन सागर बांध को लेकर पूरा विवाद क्या है।
क्या है विवाद?
2014 में तेलंगाना के आंध्र प्रदेश से अलग होकर एक अलग राज्य बनने के बाद से ही दोनों राज्यों के बीच बांध की हिस्सेदारी को लेकर विवाद चल रहा है। कृष्णा नदी के 66 प्रतिशत पानी पर आंध्र प्रदेश का, जबकि 34 प्रतिशत तेलंगाना का हक है। 30 नवंबर, 2023 को तेलंगाना चुनाव से एक दिन पहले यानी 29 नवंबर को आंध्र प्रदेश के करीब 500 पुलिसकर्मियों ने आधी रात में बांध पर धावा बोलकर कब्जा कर लिया था।
आंध्र प्रदेश पर क्या हैं आरोप?
तेलंगाना की मुख्य सचिव शांति कुमारी ने आरोप लगाया कि पड़ोसी राज्य से लगभग 500 सशस्त्र पुलिसकर्मी 29 नवंबर की रात नागार्जुन सागर बांध पर पहुंचे और CCTV कैमरों को क्षतिग्रस्त कर दिया। उन्होंने कहा, "बांध के गेट नंबर 5 और 7 से लगभग पांच हजार क्यूसेक पानी छोड़ दिया। इससे हैदराबाद और आसपास के क्षेत्रों के 2 करोड़ लोगों की पेयजल आपूर्ति बाधित हो जाएगी।" उनका आरोप है कि पहले भी बांध पर कब्जा करने के प्रयास हुए हैं।
आंध्र सरकार ने तेलंगाना के आरोपों पर क्या कहा?
शुक्रवार को आंध्र प्रदेश के सिंचाई मंत्री अंबाती रामबाबू ने कहा कि आंध्र प्रदेश सरकार ने अपने अधिकारों की रक्षा के लिए बांध के एक हिस्से का नियंत्रण अपने हाथ में ले लिया है। उन्होंने कहा, "राज्य का कृष्णा नदी के 66 प्रतिशत पानी की हक है और आंध्र सरकार ने कोई गलती नहीं की, बल्कि केवल अपने अधिकारों की रक्षा की। ये एक संवेदनशील मुद्दा है, हम कोई विवाद नहीं चाहते हैं।"
तेलंगाना पुलिस ने क्या की कार्रवाई?
बांध में देर रात को हुई घुसपैठ के आरोप में तेलंगाना पुलिस ने मामले में आंध्र प्रदेश पुलिस के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की प्रासंगिक धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। तेलंगाना पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी की 2 शिकायतें दर्ज कराई हैं। इनमें आरोप लगाया गया है कि आंध्र पुलिस ने बांध के प्रवेश द्वार और CCTV को नुकसान पहुंचाया और तेलंगाना के सुरक्षाकर्मियों को बलपूर्वक बाहर निकाल दिया।
केंद्र ने मामले में क्या किया?
शुक्रवार को केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने तेलंगाना-आंध्र प्रदेश के मुख्य सचिवों के साथ एक वीडियो कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने इस विवाद में हस्तक्षेप करते हुए दोनों राज्यों से 28 नवंबर तक नागार्जुन सागर का छोड़ा हुआ पानी वापस करने की अपील की है। इसके बाद बांध की निगरानी CRPF को सौंपी गई है, जो निगरानी करेगी कि दोनों पक्षों को समझौते के मुताबिक पानी मिल रहा है या नहीं। दोनों राज्यों इस पर सहमत हो गए हैं।
न्यूजबाइट्स प्लस
नागार्जुन सागर बांध तेलंगाना के नलगोंडा जिले में कृष्णा नदी पर स्थित है। इसकी ऊंचाई 124.663 मीटर है और इसके 26 द्वार हैं। बांध में लगभग 11,472 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी जमा करने की क्षमता है, जो 9.81 लाख एकड़ भूमि की सिंचाई कर सकता है। इस बांध की लंबाई 16 किलोमीटर है और ये मुख्य पर्यटक आकर्षण भी है। ये बांध सिंचाई सुविधा प्रदान करने के साथ-साथ जलविद्युत का भी स्रोत है।