मुंबई: सिर्फ 'उपनाम' के सहारे 10 साल से अपनी मां को तलाश रही स्विस महिला
महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में एक स्विस महिला पिछले 10 साल से अपनी सगी मां को तलाश रही है। उनके पास पहचान के लिए सिर्फ उपनाम और पता है, जो अब अस्तित्व में नहीं है। NDTV के मुताबिक, स्विस महिला विद्या फिलिपोन रावल पाड़ा, दहिसर और मुंबई में अपनी जड़ें तलाशने के लिए भारत आई थीं। विद्या ने अभी हार नहीं मानी है। भारत में उनकी मदद एडॉप्टी राइट्स काउंसिल की निदेशक और एडवोकेट अंजलि पवार कर रही हैं।
अपनी मां की पुरानी जगहों पर जा चुकी हैं विद्या
विद्या विले पार्ले स्थित मदर टेरेसा के मिशनरीज ऑफ चैरिटी भी जा चुकी हैं, जहां उनकी मां ने उन्हें छोड़ा था। उन्होंने दहिसर इलाके का भी दौरा किया। यहां उनकी मां रहती थीं, लेकिन यह पता अब अस्तित्व में नहीं है। विद्या को उम्मीद है कि वह एक दिन अपनी मां को ढूंढ लेंगी। अंजलि पवार बताती हैं कि चैरिटी ने दहिसर इलाके का पता बताया था, लेकिन तेजी से बढ़ते शहर में लोगों का मिलना मुश्किल है।
क्या है विद्या फिलिपोन की कहानी?
विद्या का जन्म 8 फरवरी, 1996 को हुआ था। उनकी मां ने उन्हें मिशनरीज ऑफ चैरिटी में छोड़ दिया था। यहां से 1997 में स्विट्जरलैंड के एक जोड़े ने उन्हें गोद ले लिया और अपने साथ ले गए। विद्या के परिवार का उपनाम 'कांबली' है। पवार ने दहिसर में लोगों से मदद का अनुरोध किया है। विद्या ने बताया कि उनके जन्म के समय उनकी मां 20 साल की थीं। विद्या 10 साल पहले पति के साथ भारत आई थीं।