दिखने लगा स्वच्छ भारत अभियान का असर, मिट्टी प्रदूषण हुआ कम, सुधरी भूजल की गुणवत्ता
प्रधानमंत्री मोदी द्वारा शुरू किए गए स्वच्छ भारत अभियान का असर दिखना शुरू हो गया है। UNICEF की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस अभियान की वजह से कई गांवों के भूजल में दूषित कण कम हुए हैं। वहीं बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन की एक दूसरी रिपोर्ट में कहा गया है कि इस अभियान के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता पर जागरूकता पैदा करने के लिए लगभग 23,000 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। आइये, पूरी खबर जानते हैं।
तीन राज्यों में किया गया अध्ययन
UNICEF की रिपोर्ट बिहार, ओडिशा और पश्चिम बंगाल के अध्ययन पर आधारित है। इसमें कहा गया है कि जो गांव खुले में शौच मुक्त नहीं है वहां का भूजल खुले में शौच मुक्त गांव की तुलना में 11.25 गुणा ज्यादा दूषित है।
मिट्टी के साथ-साथ खाना और पानी भी हुआ स्वच्छ
रिपोर्ट के मुताबिक, खुले में शौच मुक्त गांवों में धरती प्रदूषण भी कम हुआ है। जो गांव खुले में शौच मुक्त नहीं है उनकी मिट्टी खुले में शौच मुक्त गांवों से लगभग 110 प्रतिशत ज्यादा दूषित है। ऐसा ही खाने और पीने के पानी के साथ है। जो गांव खुले में शौच मुक्त नहीं है उनमें खाना और पीने का पानी खुले में शौच मुक्त गांवों से क्रमशः डेढ़ गुणा और 2.6 गुणा प्रदूषित है।
भारत के स्वच्छ होेने पर हर साल बच सकती हैं 3 लाख जाने
ये दोनों रिपोर्ट विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर जारी की गई थी। दोनों संस्थाओं ने स्वच्छ भारत अभियान को लेकर सरकार की सक्रियता का सराहना की है। बता दें कि प्रधानमंत्री बनने के बाद लाल किले से दिए अपने पहले भाषण में स्वच्छ भारत अभियान पर बात की थी। 2018 में आई विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट में कहा गया था कि अगर भारत खुले में शौच मुक्त होता है हर साल तीन लाख जानें बचाई जा सकती हैं।
बदलाव में बच्चों की अहम भूमिका
UNICEF के यास्मीन अली हक ने कहा कि बच्चे इस बदलाव में अहम भूमिका निभा रहे हैं। उन्होंने कहा कि अब लगभग 96.5 प्रतिशत शौचालय रोजाना इस्तेमाल होते हैं। उन्होंने पाया कि बच्चे इस बदलाव को लेकर काफी उत्साहित हैं।
भारत को स्वच्छ बनाने के लिए 2014 में शुरू हुआ था अभियान
स्वच्छ भारत अभियान मोदी सरकार का सबसे महत्वपूर्ण अभियानों में से एक है। इसे 2 अक्तूबर 2014 को महात्मा गांधी की जयंती के मौके पर शुरू किया गया था। इसका मकसद देश की गलियों, सड़कों और दूसरी जगहों को साफ-सुथरा और कूड़ा मुक्त रखना है। इसके तहत 2 अक्तूबर 2019 तक देश को पूर्ण रूप से खुले में शौच मुक्त बनाना है। इस अभियान के तहत देशभर में एक करोड़ से ज्यादा शौचालय बनाये जाने की योजना है।
प्रधानमंत्री मोदी ने दोहरायी भारत को स्वच्छ बनाने की प्रतिबद्धता
5 जून को पर्यावरण दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने धरती को माता के समान बताया और इसे स्वच्छ रखने के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को दोहराया। प्रधानमंत्री मोदी ने इस मौके पर ट्वीट करते हुए लिखा, "हमारा ग्रह और पर्यावरण ऐसी चीज है, जिसे हमें साथ मिलकर संजोना चाहिए। आज विश्व पर्यावरण दिवस के दिन, हम एक स्वच्छ ग्रह के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दोहराते हैं। प्रकृति के साथ सद्भाव में रहने से हमारा भविष्य बेहतर होगा।"