
पंचतत्व में विलीन सुषमा स्वराज, राजकीय सम्मान से हुआ अंतिम संस्कार
क्या है खबर?
पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का पार्थिव शरीर पंचत्तव में विलीन हो गया है। पूरे राजकीय सम्मान के साथ लोधी रोड स्थित शव दाहगृह में उनका अंतिम संस्कार किया गया।
इससे पहले अंतिम दर्शन के लिए उनका पार्थिव शरीर दिल्ली स्थित भाजपा मुख्यालय में रखा गया था। यहां कई नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि दी।
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने उनके पार्थिव शरीर पर BJP का झंडा रखा। इसके बाद उनके शव पर तिरंगा लपेटा गया।
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तिरंगे में लपेटा गया सुषमा स्वराज का शव
#WATCH Former External Affairs Minister #SushmaSwaraj wrapped in tricolour at BJP headquarters in Delhi pic.twitter.com/qDsZ77xuL4
— ANI (@ANI) August 7, 2019
जानकारी
पति और बेटी ने सलाम कर दी विदाई
सुषमा स्वराज को राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी जा रही है। अंतिम विदाई के वक्त सुषमा स्वराज के पति स्वराज कौशल और उनकी बेटी बांसुरी स्वराज काफी भावुक हो गए और उन्होंने सुषमा को सलाम किया।
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बेटी और पति ने दी अंतिम विदाई
Bansuri Swaraj and Swaraj Kaushal, daughter and husband of former External Affairs Minister #SushmaSwaraj, pay salute as state honours are accorded to her pic.twitter.com/cbQqvsm9G3
— ANI (@ANI) August 7, 2019
निधन
दिल का दौरा पड़ने से हुआ था निधन
मंगलवार रात को दिल का दौरा पड़ने से सुषमा स्वराज का निधन हो गया था।
उन्हें एम्स में भर्ती कराया गया था, लेकिन उनको नहीं बचाया जा सका।
वो देश की पहली पूर्णकालिक महिला विदेश मंत्री थीं। अंबाला में जन्मीं सुषमा के नाम सबसे कम उम्र में कैबिनेट मंत्री बनने का रिकॉर्ड है।
उन्होंने महज 25 साल की उम्र में हरियाणा में चौधरी देवीलाल की सरकार में श्रम मंत्री के पद की शपथ ली थी।
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गृहमंत्री राजनाथ सिंह, रविशंकर प्रसाद ने दिया कंधा
#WATCH Rajnath Singh, JP Nadda, Ravi Shankar Prasad, Piyush Goyal other BJP leaders give shoulder to mortal remains of #SushmaSwaraj as they are being taken from BJP headquarters to Lodhi crematorium in Delhi. pic.twitter.com/H72kZ3lpQw
— ANI (@ANI) August 7, 2019
जानकारी
प्रधानमंत्री मोदी रहे मौजूद
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह समेत सरकार के बड़े मंत्री, कई राज्यों के मुख्यमंत्री और विपक्षी पार्टियों के कई बड़े नेता सुषमा स्वराज के अंतिम संस्कार में पहुंचे हैं।
जन्म
अंबाला में हुआ था सुषमा स्वराज का जन्म
सुषमा स्वराज का जन्म हरियाणा के अंबाला कैंट में 14 फरवरी, 1952 को हुआ था।
उनके पिता हरदेव शर्मा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के जाने-माने सदस्य थे।
सुषमा ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से की थी।
उन्होंने अपनी ग्रेजुएशन तक की पढ़ाई अंबाला कैंट के सनातन धर्म कॉलेज से पूरी की और इसके बाद पंजाब यूनिवर्सिटी से कानून की डिग्री हासिल की।
कॉलेज छात्रा रहते हुए सुषमा तीन साल तक सर्वश्रेष्ठ NCC कैडेट रही थीं।
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ये हैं पूर्व विदेश मंत्री का आखिरी ट्वीट
प्रधान मंत्री जी - आपका हार्दिक अभिनन्दन. मैं अपने जीवन में इस दिन को देखने की प्रतीक्षा कर रही थी. @narendramodi ji - Thank you Prime Minister. Thank you very much. I was waiting to see this day in my lifetime.
— Sushma Swaraj (@SushmaSwaraj) August 6, 2019
रिकॉर्ड
25 साल की उम्र में बनीं कैबिनेट मंत्री
इंदिरा गांधी द्वारा लगाई गई इमरजेंसी के दौरान उन्होंने जयप्रकाश नारायण के संपूर्ण क्रांति आंदोलन में सक्रिय हिस्सा लिया।
इमरजेंसी हटने के बाद उन्होंने जनता पार्टी का दामन थामा। साल 1977 में उन्होंने हरियाणा विधानसभा का चुनाव जीता और चौधरी देवीलाल सरकार में मंत्री बनी।
उनके नाम सबसे कम उम्र (25 साल) में कैबिनेट मंत्री बनने का रिकॉर्ड दर्ज है। दो साल बाद सुषमा को राज्य जनता पार्टी का अध्यक्ष बनाया गया।
जानकारी
सात बार सांसद और तीन बार विधायक चुनी गईं सुषमा
सुषमा स्वराज अपने जीवन में सात बार सांसद (राज्यसभा और लोकसभा) तीन बार विधायक चुनी गईं। उन्होंने दिल्ली की मुख्यमंत्री, नेता प्रतिपक्ष और केंद्रीय मंत्री के तौर पर अपनी सेवाएं दी थी। उनके नाम राजनीतिक पार्टी की पहली महिला प्रवक्ता होने का रिकॉर्ड भी है।
श्रद्धांजलि
नेताओं ने ऐसे किया याद
प्रधानमंत्री मोदी ने सुषमा स्वराज के निधन पर दुख जताते हुए कहा, 'भारतीय राजनीति का महान अध्याय खत्म हो गया। भारत अपने एक असाधारण नेता के जाने का शोक मना रहा है, जिसने लोगों की सेवा और गरीबों की जिंदगी बेहतर बनाने के लिए अपनी जीवन समर्पित कर दिया।'
लालकृष्ण आडवाणी ने सुषमा को याद करते हुए लिखा कि उनका ऐसा कोई जन्मदिन नहीं गया है जब सुषमा उनके लिए उनका पसंदीदा चॉकलेट केक नहीं लाती थीं।