छात्रों पर पुलिस की कार्रवाई पर बोली सुप्रीम कोर्ट, पहले दंगे बंद हो तब करेंगे सुनवाई
क्या है खबर?
नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे जामिया मिलिया इस्लामिया और अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के छात्रों पर पुलिस की कार्रवाई के खिलाफ अपील पर सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश (CJI) एसए बोबड़े ने कहा कि पहले दंगे बंद हो, उसके बाद कोई सुनवाई की जाएगी।
अगली सुनवाई के लिए कल की तारीख तय की गई है।
बता दें कि पुलिस ने कई छात्रों को गिरफ्तार किया था और उनके खिलाफ FIR दर्ज की गई है।
सुनवाई
पुलिस कार्रवाई की जांच के लिए रिटायर्ड जजों को भेजने की मांग
सुनवाई के दौरान इंदिरा जयसिंह और कोलिन गोंजाल्विस ने सुप्रीम कोर्ट को छात्रों के खिलाफ हिंसा की जांच के लिए रिटायर्ज जजों को भेजने की मांग की।
जयसिंह ने कहा, "हम पूरे देश में हो रही हिंसा पर सुनवाई का अनुरोध लेकर आए हैं। इस तरीके की हिंसा... सुप्रीम कोर्ट को स्वत: संज्ञान लेना चाहिए। ये मानवाधिकारों का गंभीर उल्लंघन है।"
गोंजाल्विस ने कहा कि छात्रों को गिरफ्तार करके उनके खिलाफ FIR दर्ज की गई है।
सुप्रीम कोर्ट
CJI बोबड़े बोले, संपत्ति को नुकसान क्यों पहुंचाया गया?
CJI बोबड़े ने कहा, "संपत्ति को नुकसान क्यों पहुंचाया गया? बसों को जलाया गया। हम शांत के माहौल में संज्ञान लेंगे। जिसने भी दंगा शुरू किया, पहले उन्हें रुकने दीजिए।"
उन्होंने आगे कहा, "ये कानून व्यवस्था की समस्या है और पुलिस को इसे संभालना है। मुझे देखने दीजिए हम क्या कर सकते हैं। अगर कोई सड़कों पर उतरना चाहता है तो कोर्ट मत आइए। हम शांतिपूर्ण प्रदर्शन के खिलाफ नहीं हैं।"
बयान
"अगर हिंसा जारी रहती है तो हम सुनवाई नहीं करेंगे"
गोंजाल्विस ने जब रिटायर्ड जजों का एक पैनल जांच के लिए अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्लाय भेजने का अनुरोध किया तो CJI बोबड़े ने कहा, "हम ऐसा करेंगे। पहले शांति कामय होने दीजिए। अगर प्रदर्शन और हिंसा जारी रहती है तो हम सुनवाई नहीं करेंगे।"
प्रदर्शन
रविवार को जामिया यूनिवर्सिटी के छात्रों ने किया था प्रदर्शन
बता दें कि रविवार को जामिया मिलिया इस्लामिया के छात्रों ने नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन में छात्रों के अलावा बाहरी लोग भी शामिल थे।
इस दौरान पुलिस ने बल प्रयोग करते हुए लाठीचार्ज किया, जिसके बाद कुछ अज्ञात लोगों ने DTC की तीन बसों को आग के हवाले कर दिया।
छात्रों का कहना है कि ये हिंसा बाहर से आए लोगों ने की थी और पुलिस के लाठीचार्ज के बाद हालात और खराब हुए।
छात्रों पर कार्रवाई
रात को जामिया के अंदर घुसी पुलिस
रात को प्रदर्शनकारियों पर कार्रवाई के बहाने दिल्ली पुलिस जामिया यूनिवर्सिटी के कैंपस में घुस गई और 100 से अधिक छात्रों को हिंसा में शामिल होने के लिए गिरफ्तार कर किया।
छात्रों ने पुलिस पर यूनिवर्सिटी की लाइब्रेरी और लड़कियों के हॉस्टल तक में घुसने का आरोप लगाया है। पुलिस के आंसू गैस के गोले छोड़ने की बात भी कही जा रही है।
उन्होंने बताया कि पुलिस ने उनके साथ अपराधियों जैसा सलूक किया और उन्होंने छिपकर अपनी जान बचाई।
असर
कई छात्राओं ने छोड़ा हॉस्टल
रात को पुलिस की इस कार्रवाई के बाद जामिया की कई छात्राओं के हॉस्टल छोड़कर अपने घर जाने की बात भी सामने आई है।
वहीं जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय और दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्र जामिया यूनिवर्सिटी के समर्थन में खड़े हो गए हैं।
पुलिस के यूनिवर्सिटी कैंपस में घुसने पर जामिया के चीफ प्रॉक्टर वसीम अहमद ने गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस बिना इजाजत के कैंपस में घुसी और छात्रों और कर्मचारियों के साथ मारपीट की।