सुप्रीम कोर्ट ने धारावी पुनर्विकास परियोजना पर रोक लगाने से इंकार किया, जानिए पूरा मामला
क्या है खबर?
सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में चल रहे धारावी पुनर्विकास परियोजना (DRP) के निर्माण कार्य पर शुक्रवार को रोक लगाने से इंकार कर दिया।
कोर्ट संयुक्त अरब अमीरात (UAE) की कंपनी सेकलिंक टेक्नोलॉजीज कॉरपोरेशन की याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिसने महाराष्ट्र सरकार द्वारा प्रोजेक्ट काम अडाणी समूह को सौंपे जाने का विरोध किया था।
साथ ही कोर्ट बॉम्बे हाई कोर्ट द्वारा अडाणी के पक्ष में दिए गए फैसले को पलटने से भी मना कर दिया।
सुनवाई
कोर्ट ने क्या कहा?
भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति पीवी संजीव कुमार की पीठ ने सेकलिंग से हलफनामा पेश कर यह सुनिश्चित करने को कहा उसकी 8,640 करोड़ रुपये की बोली अडाणी की 5,069 करोड़ रुपये की बोली से ज्यादा है।
कोर्ट ने मामले में महाराष्ट्र सरकार और अडाणी प्रॉपर्टीज को भी नोटिस जारी करते हुए जवाब मांगा है। मामले की अगली सुनवाई 25 मई को होगी।
कोर्ट ने प्रोजेक्ट से जुड़ी फाइलें भी मांगी हैं।
सुनवाई
कोर्ट ने अडाणी को बैंक खाता अलग रखने को कहा
कोर्ट में अडाणी समूह ने बताया कि यहां काम शुरू हो चुका है और कुछ रेलवे आवास तोड़े जा चुके हैं। ऐसे में कोर्ट ने परियोजना पर रोक लगाने से इंकार कर दिया।
हालांकि, कोर्ट ने अडाणी को सभी प्रकार के लेन-देन के लिए अलग एकल एस्प्रो खाता बनाने को कहा है ताकि अडाणी समूह के खिलाफ फैसला आने पर लेन-देन को ट्रैक किया जा सके और जरूरत पड़ने पर उसे रद्द किया जा सके।
विवाद
धारावी परियोजना को लेकर कोर्ट में क्या है विवाद?
महाराष्ट्र सरकार ने धारावी परियोजना के लिए 2019 में निविदा जारी की, जिसमें सेकलिंक ने 7,200 करोड़ रुपये की बोली लगाकर प्रोजेक्ट अपने पास रखा।
इसके बाद राज्य सरकार ने 2019 और 2020 के बीच आर्थिक स्थितियों में बदलाव का हवाला देकर निविदा रद्द कर दी।
फिर 2022 में नई निविदा जारी हुई, जिसमें अडाणी समूह ने बाजी मारी। सेकलिंक इसके खिलाफ हाई कोर्ट चला गया।
हाई कोर्ट ने दिसंबर 2024 में महाराष्ट्र सरकार के फैसले को सही ठहराया।
परियोजना
क्या है धारावी परियोजना?
धारावी में एशिया की सबसे बड़ी झुग्गी-झोपड़ी है। यहां पुनर्विकास के लिए 2022 में अडाणी समूह ने सबसे ज्यादा 5,069 करोड़ रुपये की बोली लगाकर निविदा जीती।
अडाणी को परियोजना में 80 प्रतिशत की हिस्सेदारी मिली है, जबकि महाराष्ट्र सरकार के पास 20 प्रतिशत हिस्सा है।
यह परियोजना 600 एकड़ जमीन पर है, जमीन पुनर्विकास 296 एकड़ जमीन पर होगा। माहिम नेचर पार्क जैसा खुला स्थान संरक्षित रहेगा।
धारावी में 8.50 लाख लोग रहते हैं।
परियोजना
धारावी में बसे गरीबों का क्या होगा?
धारावी पुनर्विकास परियोजना के तहत वहां 68,000 से अधिक परिवारों को नए घर दिए जाएंगे। यहां 1 जनवरी, 2000 पहले से बसे लोगों को मुफ्त में पक्का घर मिलेगा।
2000 से 2011 के बीच बसे लोगों को घर के कीमत चुकानी होगी। पात्र लोगों को ही धारावी में घर मिलेगा, अपात्र लोगों को बाहर बसाया जाएगा।
यहां 350 वर्ग फुट में मकान बनेंगे। साथ में स्कूल, सामुदायिक केंद्र, अस्पताल और पार्क भी बनाया जाएगा।