सुनंदा पुष्कर केस: शशि थरूर के खिलाफ हाई कोर्ट पहुंची दिल्ली पुलिस
कांग्रेस सांसद शशि थरूर की पत्नी सुनंदा पुष्कर की मौत के मामले में फिर से मुश्किलें बढ़ गई है। दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट की ओर से मामले में थरूर को बरी किए जाने के बाद अब पुलिस ने फैसले को दिल्ली हाई कोर्ट में चुनौती दी है। हाई कोर्ट ने मामले में गुरुवार को सुनवाई करते हुए थरूर को नोटिस जारी किया है। इसी तरह कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 7 फरवरी, 2023 के लिए निर्धारित की है।
2014 में होटल के कमरे में मृत पाई गई थीं सुनंदा पुष्कर
2010 में शशि थरूर से शादी करने वाली सुनंदा पुष्कर को 17 जनवरी, 2014 को दिल्ली के एक होटल के कमरे में मृत पाया गया था। इससे एक दिन पहले ही उन्होंने ट्विटर पर पाकिस्तान की पत्रकार मेहर तरार पर थरूर का पीछा करने और उन्हें मैसेज भेजने का आरोप लगाया था। सुनंदा का पोस्टमार्टम AIIMS में हुआ था और इसमें उनके शरीर पर चोट के 12 निशान पाए गए थे। डॉक्टर्स ने कहा था कि उनकी मौत अप्राकृतिक है।
पुलिस ने किया था जहर देकर सुनंदा की हत्या किए जाने का दावा
दिल्ली पुलिस ने भी मामले में सुनंदा की जहर देकर हत्या का दावा किया और 1 जनवरी, 2015 को अज्ञात लोगों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया। बाद में थरूर का नाम भी चार्जशीट में जोड़ दिया गया और उन पर सुनंदा को हत्या के लिए उकसाने (धारा 306) और अपनी पत्नी के साथ क्रूरता के साथ पेश आने (धारा 498A) के आरोप लगाए गए थे। इस मामले में पुलिस ने उनसे पूछताछ भी की थी।
पटियाला हाउस कोर्ट ने किया था थरूर को बरी
इस मामले में लंबी सुनवाई के बाद पटियाला हाउस कोर्ट ने 18 अगस्त, 2021 को अहम फैसला सुनाते हुए थरूर को बरी कर दिया था। उस दौरान कोर्ट ने कहा था कि अभियोजन पक्ष द्वारा पेश की गई सामग्री पूरी तरह अपर्याप्त थी। ऐसे में उसे थरूर को क्लीन चिट देनी पड़ी। कोर्ट ने यह भी कहा था कि प्रथम दृष्टया ऐसा कुछ नहीं दिखा कि थरूर ने पुष्कर के साथ आत्महत्या का कारण बनने वाली मानसिक क्रूरता की हो।
दिल्ली पुलिस ने फैसले को दी हाई कोर्ट में चुनौती
पटियाला हाउस कोर्ट के उस फैसले के 15 महीने बाद अब दिल्ली पुलिस ने उसे हाई कोर्ट में चुनौती दी है। पुलिस ने देरी पर माफी की मांग हवाला देते हुए याचिका दायर की है। इसको लेकर हाई कोर्ट ने थरूर को नोटिस जारी करते हुए अगली सुनवाई 7 फरवरी, 2023 के लिए निर्धारित की है। दरअसल, पुलिस को निचली अदालत के फैसले को 15 दिन में चुनौती देनी थी, लेकिन अब 15 महीनों के बाद ऐसा किया है।
थरूर के वकील ने याचिका पर जताई आपत्ति
दिल्ली पुलिस की ओर से फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर थरूर के वकील विकास पाहवा ने आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा कि पुलिस ने यह याचिका फैसले के 15 महीने बाद दायर की है और उसकी कोई कॉपी उन्हें उपलब्ध नहीं कराई गई है। ऐसे में यह याचिका नियमानुसार सही नहीं है। हालांकि, कोर्ट ने पुलिस की माफी की मांग वाली अर्जी को ध्यान में रखते हुए पहली सुनवाई में थरूर को नोटिस जारी कर दिया है।