सिंघू बॉर्डर पर हत्या: आरोपी निहंग ने आत्मसमर्पण किया, कहा- कोई अफसोस नहीं
शुक्रवार को दिल्ली-हरियाणा के सिंघु बॉर्डर के पास किसानों के प्रदर्शन स्थल पर एक शख्स की नृशंस हत्या से सनसनी फैल गई थी। हत्या की जिम्मेदारी लेते हुए एक निहंग सिख ने आत्मसमर्पण किया था, जिसके बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार आरोपी का नाम सरवजीत सिंह है। सिंह ने कहा कि उन्होंने मृतक को पवित्र ग्रंथ का 'अपमान' करने की 'सजा' दी थी और उन्हें इसका कोई अफसोस नहीं है।
पहले मीडिया के सामने पेश हुआ आरोपी
शुक्रवार शाम को निहंग सिखों के एक समूह ने मीडिया से बात करते हुए धमकी दी कि अगर कोई उनके धार्मिक ग्रंथ का अपमान करता है तो वो दोबारा ऐसी वारदात को अंजाम दे सकते हैं। इसके बाद उन्होंने सवरजीत सिंह को मीडिया के सामने पेश किया। जब उनसे पूछा गया कि क्या उन्हें इस घटना का अफसोस है तो उन्होंने ना में जवाब दिया। फिर पुलिस ने सिंह को हिरासत में ले लिया था।
आरोपी को गिरफ्तार कर ले जाती हुई पुलिस
आज होगी अदालत में पेशी
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, आरोपी सिंह पंजाब के गुरदासपुर जिले के विठवा गांव का रहने वाला है। वह निहंगों के घोड़ों की देखभाल करता था। आज पुलिस आरोपी को अदालत में पेश करेगी।
किसान मोर्चा ने घटना की निंदा की
किसान आंदोलन में शामिल ज्यादातर संगठनों के समूह संयुक्त किसान मोर्चा ने बयान जारी करते हुए घटना की निंदा की है। मोर्चा ने अपने बयान में कहा, "हम यह स्पष्ट कर देना चाहते हैं कि इस घटना के दोनों पक्षों का संयुक्त किसान मोर्चा से कोई संबंध नहीं है। हम किसी भी धार्मिक ग्रंथ या प्रतीक की बेअदबी के खिलाफ हैं, लेकिन इस आधार पर किसी भी व्यक्ति या समूह को कानून अपने हाथ में लेने की इजाजत नहीं है।"
मोर्चा की दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग
संयुक्त मोर्चा ने हत्या और बेअदबी के आरोपों की जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग भी की है और प्रशासन और पुलिस को पूरा सहयोग करने का आश्वासन दिया है। उसने कहा कि उनका शांतिमय आंदोलन किसी भी हिंसा का विरोध करता है।
पंजाब के तरनतारन जिले का रहने वाला था मृतक
संयुक्त किसान मोर्चा के अनुसार, मृतक का नाम लखबीर सिंह था और वह पंजाब के तरनतारन जिले का रहने वाला था। लखबीर तीन दिन पहले ही सिंघु बॉर्डर आया था और बॉर्डर के सबसे पास स्थित निहंग कैंप में ही रह रहा था। घटना शुक्रवार सुबह लगभग 3 बजे के करीब हुई, जब लखबीर के पास सिखों का पवित्र सरबलोह ग्रंथ पाया गया। मौके पर मौजूद एक निहंग सिख ने उससे पूछा कि उसके पास ये ग्रंथ क्यों है?
ग्रंथ के अपमान की आशंका पर निहंगों ने की हत्या
जल्द ही मौके पर अन्य निहंग जमा हो गए और उन्हें शक हुआ कि लखबीर ने सरबलोह ग्रंथ का अपमान किया है। इसके बाद उन्होंने हंगामा कर दिया जिसके परिणामस्वरूप हिंसा हुई। हिंसा में पहले तो निहंगों ने लखबीर को मारा-पीटा और फिर उसके बाएं हाथ की कलाई काट दी। उसके पैरों को भी तोड़ दिया गया। बाद में घायल अवस्था में लखबीर को बैरिकेड पर लटका दिया, जिसकी थोड़ी देर में मौत हो गई।