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दिल्ली में आवारा कुत्तों की गिनती करेंगे स्कूल शिक्षक, सरकार ने जारी किए आदेश
दिल्ली में आवारा कुत्तों की गणना करेंगे स्कूल शिक्षक

दिल्ली में आवारा कुत्तों की गिनती करेंगे स्कूल शिक्षक, सरकार ने जारी किए आदेश

Dec 29, 2025
04:09 pm

क्या है खबर?

दिल्ली सरकार ने स्कूलों समेत राजधानी के सभी शिक्षण संस्थानों को आवारा कुत्तों से संबंधित मामलों के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त करने का आदेश दिया है। यह निर्देश शिक्षा निदेशालय (DoE) द्वारा जारी किया गया है और यह सुप्रीम कोर्ट के आदेशों से जुड़े व्यापक जन सुरक्षा अभियान का हिस्सा है। इसी तरह राजधानी के सभी सरकारी और निजी स्कूलों में तैनात शिक्षकों को आवारा कुत्तों की गिनती की जिम्मेदारी सौंपने को भी कहा गया है।

आदेश

शिक्षा निदेशालय ने क्या जारी किए हैं आदेश?

शिक्षा निदेशालय की कार्यवाहक शाखा द्वारा जारी एक परिपत्र के अनुसार, जिला शिक्षा अधिकारियों (DEO) को अपने अधिकार क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले सभी विद्यालयों, स्टेडियमों और खेल परिसरों से मनोनीत नोडल अधिकारियों का विवरण एकत्र करने का कार्य सौंपा गया है। आदेश में कहा गया है कि जानकारी में अधिकारी का नाम, पदनाम, संपर्क नंबर और ईमेल पता शामिल होगा। DEO को जिला स्तरीय व्यक्तिगत की जगह समेकित रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी, जिसे मुख्य सचिव को भेजा जाएगा।

गणना

आवारा कुत्तों की गिनती करेंगे शिक्षक

नोडल अधिकारियों की नियुक्ति के अलावा, सरकारी और निजी दोनों संस्थानों के स्कूल शिक्षकों को शहरव्यापी आवारा कुत्तों की गिनती के अभियान में सहायता करने का दायित्व सौंपा गया है। इस कार्य का समन्वय जिला शिक्षा अधिकारियों द्वारा किया जा रहा है, जिन्हें कार्यान्वयन के लिए नोडल अधिकारी नामित किया गया है। शिक्षा निदेशालय ने कहा कि यह अभ्यास जन सुरक्षा हित और 7 नवंबर, 2025 के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुपालन में किया जा रहा है।

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कार्य

जनता के संपर्क बिंदु के रूप में कार्य करेंगे नोडल अधिकारी

आदेशों में कहा गया है कि मनोनीत नोडल अधिकारी अपने-अपने संस्थानों में आवारा कुत्तों से संबंधित समस्याओं के लिए प्राथमिक संपर्क बिंदु के रूप में कार्य करेंगे। जन जागरूकता और सुलभता सुनिश्चित करने के लिए उनके विवरण विद्यालय भवनों और अन्य शैक्षणिक परिसरों के बाहर प्रमुखता से प्रदर्शित किए जाएंगे। शिक्षा विभाग ने आगे कहा कि यह कदम 20 नवंबर को आयोजित समीक्षा बैठक के दौरान जारी निर्देशों के अनुरूप भी है।

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आलोचना

शिक्षक संघों ने की आदेश की आलोचना

शिक्षक संघों ने इस निर्णय की आलोचना करते हुए सवाल उठाया है कि पशु कल्याण के लिए जिम्मेदार विभागों को यह जिम्मेदारी क्यों नहीं सौंपी जा रही है। उन्होंने चिंता व्यक्त की है कि शिक्षकों को गैर-शैक्षणिक जिम्मेदारियां सौंपने से शिक्षण कार्य बाधित हो सकता है और पेशे की गरिमा प्रभावित हो सकती है। इसी तरह गणना में आवारा कुत्तों के हमला करने से शिक्षकों के घायल होने की संभावना रहेगी क्योंकि वह इस कार्य में प्रशिक्षित नहीं है।

सफाई

विभाग ने शिक्षक संघ की चिंता पर जारी की सफाई

शिक्षा निदेशालय ने आदेशों पर शिक्षक संघों की चिंता पर सफाई भी जारी की है। अधिकारियों ने बताया कि पशु संबंधी नागरिक कर्तव्यों के लिए शिक्षकों और शैक्षणिक कर्मचारियों का चयन पहली बार नहीं किया जा रहा है। दिल्ली से पहले उत्तर प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, कर्नाटक और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश भी यह कदम उठा चुके हैं और वहां पर इसके प्रभावशाली परिणाम देखने को मिले हैं। ऐसे में इसे जन सुरक्षा में सहयोग समझा जाना चाहिए।

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