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एस जयशंकर का यूरोप पर तंज, कहा- हमे साझेदारों की तलाश है, उपदेशकों की नहीं
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने यूरोप पर कसा तंज

एस जयशंकर का यूरोप पर तंज, कहा- हमे साझेदारों की तलाश है, उपदेशकों की नहीं

May 04, 2025
06:31 pm

क्या है खबर?

भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रविवार को आर्कटिक सर्कल इंडिया फोरम में आइसलैंड के पूर्व राष्ट्रपति ओजी ग्रिमसन और ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन के प्रमुख समीर सरन से चर्चा की। इस दौरान उन्होंने भारत के भू-राजनीतिक मुद्दों पर रुख को प्रभावित करने की कोशिश करने वाले यूरोपीय देशों पर तंज कसते हुए कहा कि दुनिया में भारत को सच्चे साझेदारों की तलाश है, उपदेश देने वालों की नहीं। आइए उनका पूरा बयान जानते हैं।

बयान

जयशंकर ने यूरोप पर क्या दिया बयान?

भारत की यूरोप से क्‍या अपेक्षा के सवाल पर विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा, "जब हम दुनिया को देखते हैं तो हम साझेदारों की तलाश करते हैं, उपदेशकों की नहीं। विशेष रूप से ऐसे उपदेशकों की जो विदेश में जो उपदेश देते हैं, उसे अपने देश में तो अपनाते ही नहीं है।" उन्होंने आगे कहा, "मुझे लगता है कि यूरोप का कुछ हिस्सा अभी भी इस समस्या से जूझ रहा है और इसमें कुछ बदलाव भी आया है।"

जरूरत

साझेदारी के लिए समझ और संवेदनशीलता की जरूरत- जयशंकर

विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा, "हमारे दृष्टिकोण से यदि हमें साझेदारी को विकसित करना है तो कुछ समझ होनी चाहिए, कुछ संवेदनशीलता होनी चाहिए। साझेदारों को यह अहसास होना चाहिए कि दुनिया कैसे काम करती है। ये सभी कार्य यूरोप के विभिन्न भागों में अलग-अलग स्तर पर प्रगति पर हैं। इसमें कुछ आगे बढ़े हैं और कुछ बहुत कम।" यह टिप्पणी पहलगाम हमले के बाद भारत द्वारा पाकिस्तान के खिलाफ उठाए गए भू-राजनीतिक कदमों के बीच आई है।

वकालत

भारत ने हमेशा की रूसी यथार्थवाद की वकालत- जयशंकर

जयशंकर ने कहा कि भारत ने हमेशा रूसी यथार्थवाद की वकालत की है और संसाधन प्रदाता और उपभोक्ता के रूप में भारत और रूस के बीच महत्वपूर्ण सामंजस्य है और वे इस मामले में एक दूसरे के पूरक हैं। उन्होंने रूस-यूक्रेन संघर्ष का समाधान रूस को शामिल किए बिना खोजने के पश्चिम के पहले के प्रयासों की भी आलोचना करते हुए कहा कि इसने यथार्थवाद की बुनियादी बातों को चुनौती दी है।