राम रहीम ने फिर से मांगी 20 दिन की पैरोल, चुनाव आयोग ने मांगे ठोस कारण
बलात्कार के मामले में 20 साल की सजा काट रहे डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम ने 5 अक्टूबर को होने वाले हरियाणा विधानसभा चुनाव से ठीक पहले 20 दिन की पैरोल की मांग की है। हरियाणा सरकार ने उनके आवेदन को विचार के लिए मुख्य निर्वाचन अधिकारी (CEO) को भेजा है। हालांकि, आयोग ने जेल विभाग से पैरोल अनुरोध के पीछे आवश्यक ठोक कारणों को स्पष्ट करने को कहा है। उसके बाद ही पैरोल पर निर्णय किया जाएगा।
राम रहीम की पैरोल और फरलो पर उठाए जा रहे हैं सवाल
2017 में सजा सुनाए जाने के बाद से राम रहीम को 10 बार पैरोल या फरलो मिल चुकी है। उसे 13 अगस्त को भी 21 दिन की फरलो मिली थी। इसके बाद उसने 11वीं बार पैरोल की अर्जी दाखिल कर दी है। राम रहीम को मिल रही पैरोल पर कई बार सवाल उठ चुके हैं। इस बार उसने आपातकालीन पैरोल मांगी है। हालांकि, इस बार हरियाणा में विधानसभा चुनाव होने के कारण उनका आवेदन चुनाव आयोग को भेजा गया है।
चुनाव आयोग ने पूछा- राम रहीम को क्या आ गई इमरजेंसी?
हरियाणा के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने राज्य सरकार से राम रहीम की पैरोल को लेकर स्पष्टीकरण मांगा है। उन्होंने पूछा है कि आखिर क्या इमरजेंसी आ गई है कि राम रहीम ने 20 दिन की पैरोल मांगी है? सरकार को ठोस कारण बताने होंगे। हालांकि, हरियाणा सरकार ने अभी तक चुनाव आयोग के सवाल का जवाब नहीं भेजा। बता दें, रहीम का 4 जिलों की 30 सीटों पर बड़ा प्रभाव है। ऐसे में वह मतदाताओं को प्रभावित कर सकते हैं।
डेरा प्रवक्ता ने किया पैरोल अनुरोध का बचाव
डेरा प्रवक्ता ने कहा कि उन्हें हर साल 91 दिनों की अस्थायी रिहाई का कानूनी अधिकार है। वह 71 दिन की पैरोल और फरलो ले चुके हैं। ऐसे में वह साल खत्म होने से पहले वह शेष 20 दिन की पैरोल मांग रहे हैं।
राम रहीम को 2017 में सुनाई गई थी सजा
राम रहीम सिरसा स्थित आश्रम में महिला अनुयायियों से बलात्कार के मामले में 20 साल की सजा काट रहा है। पंचकूला की एक विशेष केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) अदालत ने अगस्त, 2017 में मामले में उसे दोषी ठहराया था। इसके अलावा डेरा के पूर्व प्रबंधक रणजीत सिंह और एक अन्य रामचंद्र छत्रपति की हत्या के मामले में भी अदालत ने उसे सुनाई है। पैरोल के दौरान राम रहीम को सिरसा डेरे में जाने की अनुमति नहीं है।