पंजाब: 'ऑपरेशन ब्लू स्टार' की 40वीं वर्षगांठ पर स्वर्ण मंदिर में लगे खालिस्तानी समर्थन में नारे
क्या है खबर?
पंजाब में 'ऑपरेशन ब्लू स्टार' की 40वीं वर्षगांठ पर गुरुवार को अमृतसर में खालिस्तान के समर्थन में नारेबाजी की गई। यह नारे स्वर्ण मंदिर के अंदर लगे हैं।
इस दौरान नारेबाजी करने वालों के साथ मौके पर अमृतसर में शिरोमणि अकाली दल (SAD) के प्रमुख सिमरनजीत सिंह मान भी देखे गए।
नारेबाजी करने वालों के हाथ में पोस्टर देखे गए। इसके अलावा स्वर्ण मंदिर परिसर में जरनैल सिंह भिंडरावाले के पोस्टर लगाए गए हैं।
नारेबाजी
स्वर्ण मंदिर और अमृतसर में सुरक्षा कड़ी गई
घटना का वीडियो भी सोशल मीडिया पर सामने आया है, जिसमें कुछ लोग हाथों में पोस्टर लेकर नारे लगाते नजर आ रहे हैं। इस दौरान तलवारें भी लहराई गईं।
घटना की जानकारी मिलते ही अमृतसर समेत स्वर्ण मंदिर के आसपास सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। पंजाब के प्रमुख स्थानों पर पुलिस और अर्धसैनिक बल तैनात किए गए हैं।
बता दें कि अमृतसर में हर साल ऑपरेशन ब्लू स्टार की बरसी पर कई तरह के कार्यक्रम आयोजित होते हैं।
ट्विटर पोस्ट
खालिस्तान के समर्थन में लगे नारे
केजरीवाल और मान का पंजाब
— AAP watch (@AAP_watch) June 6, 2023
जहां खालिस्तान के समर्थन में नारे लगाए जा रहे हैं और पंजाब सरकार मूक दर्शक बने देख रही है...... pic.twitter.com/SypesixDPH
कारण
पंजाब में खालिस्तान समर्थक और इंदिरा गांधी के हत्यारे का बेटा जीता
पंजाब में खालिस्तान के समर्थन में नारे लगने से पहले लोकसभा चुनाव में बड़ी घटना घटी है।
इस बार खालिस्तान समर्थक और 'वारिस पंजाब दे' संगठन के प्रमुख अमृतपाल सिंह ने खडूर साहिब सीट से कांग्रेस कुलबीर सिंह जीरा को 1.97 लाख वोटों से हराया। वह जेल से चुनाव लड़ रहे थे।
साथ ही फरीदकोट सीट से निर्दलीय उम्मीदवार सरबजीत सिंह खालसा ने जीत दर्ज की है। सरबजीत इंदिरा गांधी की हत्या के आरोपी बेअंत सिंह के बेटे हैं।
घटना
क्या था ऑपरेशन ब्लू स्टार?
पंजाब में 1970 के दशक में दमदमी टकसाल का प्रमुख जरनैल सिंह भिंडरावाले अलगाववादी आंदोलन को हवा दे रहा था।
भिंडरावाले और उसके समर्थकों ने स्वर्ण मंदिर पर कब्जा कर लिया और पंजाब में हिंसा और अराजकता का माहौल बनाया।
तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने सेना की मदद से भिंडरावाले गिरोह को स्वर्ण मंदिर से हटाने के लिए 1984 में 1 जून को ऑपरेशन ब्लू स्टार शुरू किया।
6 जून तक भयंकर गोलीबारी में भिंडरावाले और उसके समर्थक मारे गए।