पंजाब: स्वर्ण मंदिर पर पहरेदारी कर रहे पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल पर गोली चली
पंजाब के अमृतसर में बुधवार को पूर्व उपमुख्यमंत्री और शिरोमणि अकाली दल (SAD) के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल पर गोलीबारी हुई है। यह गोली तब चली जब सुखबीर अकाल तख्त द्वारा सुनाई गई धार्मिक सजा (तनखाह) के तहत स्वर्ण मंदिर के प्रवेश द्वार पर सेवादार कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए पहरेदारी कर रहे थे। गोलीबारी करने वाले व्यक्ति को मौके पर पकड़ लिया गया है। हमले में सुखबीर बाल-बाल बच गए हैं।
गोलीबारी का दृश्य
किसने की गोलीबारी?
गोलीबारी के समय का एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें हमलावर को गोली चलाने से पहले एक व्यक्ति द्वारा पकड़ते देखा जा सकता है। हालांकि, इसके बाद भी गोली चल जाती है, लेकिन किसी को लगी नहीं। हमलावर की पहचान नारायण सिंह चौड़ा के रूप में हुई है, जो दल खालसा का कार्यकर्ता बताया जा रहा है। उसने अपनी पैंट से पिस्तौल निकालकर हमला करने की कोशिश की थी। पुलिस ने उसे हिरासत में ले लिया है।
सोमवार को सुनाई गई थी सजा
सिखों की सर्वोच्च संस्था अकाल तख्त साहिब पर पंच सिंह साहिबों ने सोमवार को स्वर्ण मंदिर में बादल और उनके साथ के मंत्रियों को तनखाह सुनाई थी। बादल ने पंच सिंह साहिब के सामने अपनी गलतियों को कबूल किया था। अकाल तख्त ने 2 महीने पहले ही सभी को 'तनखैया' (धार्मिक दोषी) घोषित किया था। अकाल तख्त ने 6 महीने में अकाली दल का नया अध्यक्ष चुनने को कहा और पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल से फख्र-ए-कौम उपाधि छीनी है।
सुखबीर को क्यों मिली है सजा?
पंजाब में 2007 से 2017 तक अकाली दल और उनकी सरकार द्वारा की गई "गलतियों" के लिए 30 अगस्त को बादल को 'तनखैया' घोषित किया था। बादल पर अपने कार्यकाल में सिरसा डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह को ईशनिंदा मामले में माफी और निर्दोष सिखों की हत्या में शामिल पुलिस अधिकारियों को पदोन्नति देने का आरोप था। राम रहीम पर 2007 में ईशनिंदा का मामला दर्ज हुआ था, लेकिन अकाली दल सरकार ने मामला वापस ले लिया था।
सुखबीर सिंह को क्या मिली है सजा?
सुखबीर और उनकी सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे तत्कालीन विधायक 2 दिन तक 1-1 घंटे स्वर्ण मंदिर, श्री केशगढ़ साहिब, श्री दमदमा साहिब तलवंडी साबो, श्री मुक्तसर साहिब, श्री फतेहगढ़ साहिब में पहरेदारी करेंगे, लंगर में जूठे बर्तन और शौचालय साफ करेंगे।