पंजाब-हरियाणा के शंभू बॉर्डर पर एक और किसान ने जहर खाया, अस्पताल में हुई मौत
क्या है खबर?
न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी समेत अन्य मांगों को लेकर पंजाब-हरियाणा के शंभू बॉर्डर पर बैठे किसानों में एक और ने गुरुवार को आत्महत्या कर ली।
किसान की पहचान तरणतारण निवासी रेशम सिंह (55) के रूप में हुई है। वे किसान मजदूर संघर्ष समिति से जुड़े थे।
सिंह 11 महीनों से बॉर्डर पर धरना दे रहे थे। गुरुवार सुबह उन्होंने लंगर स्थल के पास सल्फास की गोली खा ली। उन्हें राजपुरा अस्पताल ले गए, जहां उन्होंने दम तोड़ दिया।
आत्महत्या
14 दिसंबर को रणजोध सिंह ने की थी आत्महत्या
रेशम सिंह से पहले पिछले साल 14 दिसंबर को रणजोध सिंह नाम के किसान ने सल्फास खा लिया था। वे दिल्ली कूच की अनुमति न मिलने से नाराज थे।
उनको गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां 4 दिन बाद उन्होंने दम तोड़ दिया।
किसान संगठनों का कहना है कि किसानों की समस्या का समाधान न निकलने से रेशम सिंह निराश थे। इसलिए उन्होंने ऐसा घातक कदम उठाया है।
अनशन
45 दिन से आमरण अनशन पर बैठे हैं जगजीत सिंह डल्लेवाल
किसान संगठनों का कहना है कि किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल भी मांगों को लेकर 45 दिनों से खनौरी बॉर्डर पर आमरण अनशन पर बैठे हैं।
किसानों ने उनके समर्थन में पंजाब बंद भी बुलाया था, जो काफी हद तक सफल रहा। किसानों का कहना है कि अगर डल्लेवाल को कुछ हुआ तो उसकी जिम्मेदार केंद्र सरकार होगी।
किसान नेताओं ने जल्द ही दिल्ली कूच की योजना बनाई है। पिछले 11 महीने में 35 किसानों की मौत हो चुकी है।