अगरतला: पुलिस ने प्रदर्शनकारी शिक्षकों पर लाठीचार्ज कर दागे आंसू गैस के गोले, 40 घायल
क्या है खबर?
त्रिपुरा में सरकारी नौकरी की मांग को लेकर 52 दिनों से अगरतला सिटी सेंटर के बाहर धरने पर बैठे शिक्षकों को हटाने के लिए पुलिस ने बुधवार को लाठीचार्ज कर दिया।
इससे शिक्षक भी उग्र हो गए और मुख्यमंत्री आवास की ओर बढ़ने लग गए। इस पर पुलिस ने उन पर वाटर कैनन और आंसू गैस के गोले भी दाग दिए।
इस पूरी घटना में 40 से अधिक शिक्षक घालय हो गए। मौके पर भारी पुलिस बल तैनात है।
प्रकरण
नौकरी की बहाली की मांग को लेकर धरने पर बैठे थे शिक्षक
साल 2010 में तत्कालीन लेफ्टफ्रंट सरकार ने संशोधित रोजगार नीति के तहत 10,323 शिक्षकों को नियुक्ति दी थी।
इसके बाद 2014 में त्रिपुरा हाई कोर्ट ने भर्ती प्रक्रिया में अनियमितता बताते हुए नियुक्तियों को रद्द करने का आदेश दिया था।
साल 2017 में सुप्रीम कोर्ट ने भी फैसला बरकरार रखा, लेकिन एडहॉक आधार पर मार्च 2020 तक शिक्षकों से काम कराने की अनुमति दे दी। उसके बाद से बेरोजगार हुए शिक्षक अब प्रदर्शन कर रहे हैं।
जानकारी
सरकार ने अन्य पदों पर की शिक्षकों की भर्ती
त्रिपुरा सरकार ने बेरोजगार हुए शिक्षकों को दूसरे पदों पर नियुक्त करने का प्रस्ताव रखा और 1,200 पदों पर नियुक्तियां भी कर दी। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को अवमानना का नोटिस भेज दिया। जिसके बाद सरकार ने सभी नियुक्तियां रोक दी।
आश्वासन
मुख्यमंत्री ने दो महीने समस्या समाधान का दिया था आश्वासन
मुख्यमंत्री बिप्लव देब ने मार्च 2020 के बाद बेरोजगार हुए शिक्षकों को दो महीने में समस्या समाधान का आश्वासन दिया था, लेकिन कुछ नहीं हुआ।
इसके बाद ऑल त्रिपुरा एडहॉक टीचर्स एसोसिएशन और अमरा 10,323 ने संयुक्त समिति बनाकर 6 दिसंबर से अनिश्चितकालीन धरना-प्रदर्शन की घोषणा कर दी।
उसके बाद से ही हजारों शिक्षक अगरतला सिटी सेंटर के बाहर धरने पर बैठे हैं। इसमें शिक्षकों के परिवार के लोग और बच्चे भी शामिल हैं।
चेतावनी
शिक्षकों ने दी थी बुधवार से आंदोलन को उग्र करने की चेतावनी
प्रदर्शनकारी शिक्षकों ने मंगलवार शाम को मशाल जुलूस निकालकर बुधवार को मुख्यमंत्री आवास घेरने की चेतावनी दी थी।
इसको देखते हुए जिला और पुलिस प्रशासन ने कानून और व्यवस्था की स्थिति बिगड़ने का आशंका जाहिर करते हुए चेतावनी जारी की थी।
परिणामस्वरूप पश्चिम त्रिपुरा जिला कलक्टर डॉ शैलेश कुमार यादव ने अगरतला निगम क्षेत्र में सुबह 6 से 24 घंटे के लिए धारा 144 लागू कर दी, लेकिन शिक्षक मौके से नहीं हटे।
कार्रवाई
बुधवार सुबह सड़क पर सो गए शिक्षक
जिला कलक्टर द्वारा धारा-144 लागू किए जाने के बाद बुधवार सुबह सैकड़ों शिक्षक सड़क पर लेट गए। इस पर पुलिस ने शिक्षकों के मंच को तोड़ दिया। इससे नाराज शिक्षकों ने प्यारेदास चौमुहानी में जाम लगा दिया।
इस बीच पुलिस के साथ हाथापाई में एक महिला घायल हो गई। उसके बाद प्रदर्शनकारी उत्तेजित हो गए। उनके आगे बढ़ते ही पुलिस ने लाठीचार्ज करने के साथ वाटर कैनन और आंसू गैस के गोले दाग दिए। इसमें 40 शिक्षक घायल हो गए।
जानकारी
पुलिस ने 300 शिक्षकों को हिरासत में लिया
कार्रवाई के दौरान पुलिस ने करीब 300 से अधिक प्रदर्शनकारी शिक्षकों को हिरासत में ले लिया औश्र उन्हें आरके नगर TSR शिविर में ले जाया गया। इसके अलावा पुलिस ने प्यारेदास चौमुहानी, IGM चौमुहानी सहित क्षेत्र में यातायात को रोक दिया।
बयान
कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए की कार्रवाई- नाथ
पुलिस महानिरीक्षक (कानून और व्यवस्था) अरिंदम नाथ ने कहा कि कुछ बर्खास्त शिक्षकों ने सोशल मीडिया पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी थी। इससे कानून-व्यवस्था बिगड़ने की आशंका बढ़ गई थी।
उन्होंने कहा कि पुलिस को कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए लाठीचार्ज और अन्य कार्रवाई करनी पड़ी। लाठीचार्ज में महिलाओं सहित कई शिक्षक घायल हुए हैं।
उन्होंने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने ASP शास्वत कुमार सहित अन्य पुलिस अधिकारियों के वाहनों को भी क्षतिग्रस्त कर दिया।