बेंगलुरू: प्रधानमंत्री मोदी ने स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस में भरी उड़ान
क्या है खबर?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज बेंगलुरू में स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस में उड़ान भरी है।
दरअसल, प्रधानमंत्री मोदी बेंगलुरू में हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) के दौरे पर हैं। यहां पर उन्होंने HAL के निर्माण संयंत्रों का दौरा किया और तेजस विमान में उड़ान भरी।
बता दें कि भारतीय वायुसेना ने HAL को 83 तेजस लड़ाकू विमानों का ऑर्डर दिया है। फिलहाल, HAL के पास सालाना 8 लड़ाकू विमान बनाने की क्षमता है, जिससे अगले साल से बढ़ाया जाएगा।
मोदी
प्रधानमंत्री मोदी बोले- देश की क्षमताओं पर बढ़ा रहा है विश्वास
बेंगलुरू में प्रधानमंत्री मोदी ने स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस में उड़ान भरने के अनुभव लेकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट किया है।
उन्होंने लिखा, 'तेजस पर सफलतापूर्वक उड़ान पूरी की। यह अनुभव अविश्वसनीय था। इस अनुभव ने हमारे देश की स्वदेशी क्षमताओं में मेरे विश्वास को काफी हद तक बढ़ा दिया है। इसने हमारी राष्ट्रीय क्षमता के बारे में मुझमें नए सिरे से गर्व और आशीर्वाद की भावना जागृत की है।'
ट्विटर पोस्ट
प्रधानमंत्री ने देशवासियों को दी शुभकामनाएं
मैं आज तेजस में उड़ान भरते हुए अत्यंत गर्व के साथ कह सकता हूं कि हमारी मेहनत और लगन के कारण हम आत्मनिर्भरता के क्षेत्र में विश्व में किसी से कम नहीं हैं। भारतीय वायुसेना, DRDO और HAL के साथ ही समस्त भारतवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं। pic.twitter.com/xWJc2QVlWV
— Narendra Modi (@narendramodi) November 25, 2023
राजनाथ
तेजस में पहली बार 2019 में राजनाथ सिंह ने भरी थी उड़ान
प्रधानमंत्री मोदी से पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 2019 में बेंगलुरू स्थित HAL हवाई अड्डे से तेजस लड़ाकू विमान में उड़ान भर चुके हैं। वे स्वदेशी हल्के लड़ाकू विमान (LCA) तेजस में उड़ान भरने वाले देश के पहले रक्षा मंत्री थे।
उनसे पहले निर्मला सीतारमण ने बतौर रक्षा मंत्री जनवरी, 2018 को राजस्थान में सुखोई-30 MKI में उड़ान भरी थी। वह सुखोई में उड़ान भरने वाली देश की पहली महिला रक्षा मंत्री बनी थीं।
बयान
अमेरिकी कंपनी GE और HAL के बीच हुआ है अहम समझौता
दैनिक भास्कर के अनुसार, स्वदेशी विमान तेजस मार्क-2 और स्वदेशी एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (AMCA) की पहली 2 स्क्वॉड्रन के इंजन अब देश में ही बनेंगे।
भारत में रक्षा क्षेत्र को मजबूती देने की दिशा में यह फैसला काफी अहम माना जा रहा है।
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) के प्रमुख डॉ समीर वी कामत ने बताया कि अमेरिकी कंपनी GE एयरोस्पेस और HAL मिलकर यह इंजन बनाएंगी और इससे संबंधित सभी मंजूरियां भी मिल गई है।
अक्टूबर
इस वित्त वर्ष में मिलेंगे वायुसेना को मिलेंगे 8 LCA तेजस
साल 2021 में भारतीय वायुसेना ने HAL को 46,898 करोड़ रुपये के लागत से 83 स्वदेशी लड़ाकू विमान बनाने का ऑर्डर दिया है। हाल में अक्टूबर में HAL ने वायुसेना को पहला तेजस ट्विन-सीटर ट्रेनर विमान सौंपा था।
इस वित्तीय वर्ष में HAL वायुसेना को 8 LCA तेजस की डिलीवरी करने की योजना बना रही है और आने वाले सालों में क्रमिक रूप से 2026-27 तक सभी विमानों को सौंप दिया जाएगा।
तेजस
लड़ाकू विमान 'तेजस' की क्या है खासियत?
तेजस ट्विन-सीटर एक हल्के वजन वाला हर मौसम में काम आने वाला बहुउद्देश्यीय 4.5 जनरेशन का लड़ाकू विमान है।
स्वदेशी रूप से विकसित यह विमान सक्रिय इलेक्ट्रॉनिक स्कैन्ड रे (AESA) रडार, दृश्य सीमा से परे (BVR) मिसाइल, आधुनिक इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर (EW) सूट और हवा से हवा में ईंधन भरने (AAR) की क्षमताओं से लैस है।
यह उभरते पायलटों को ट्विन-सीटर वेरिएंट के लड़ाकू पायलटों में परिवर्तित करने के रणनीतिक इरादे से डिजाइन किया गया है।
प्लस
न्यूजबाइट्स प्लस (जानकारी)
दुनिया के वर्तमान में सिर्फ 4 ही देश, अमेरिका, रूस, चीन और फ्रांस, लड़ाकू विमानों के इंजन बनाने की क्षमता रखते हैं।
अमेरिका से साथ HAL के अहम समझौते के बाद भारत भी उन चुनिंदा देशों में शामिल हो गया है, जिनके पास इस तरह के इंजन बनाने की क्षमता है।
हालांकि, भारत पहले ही स्वदेशी टेक्नोलॉजी के साथ क्रायोजेनिक इंजन का निर्माण कर चुका है, लेकिन इनका इस्तेमाल लड़ाकू विमानों में नहीं किया जा सकता है।