गलवान संघर्ष पर प्रधानमंत्री मोदी का बयान, कहा- जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा
गलवान में भारतीय जवानों की शहादत पर प्रतिक्रिया देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जवानों का बलिदान भूला नहीं जाएगा। उन्होंने कहा, "मैं देश को भरोसा दिलाना चाहता हूं कि हमारे जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। हमारे लिए भारत की अखंडता और संप्रभुता सर्वोच्च है और इसकी रक्षा करने से हमें कोई भी रोक नहीं सकता। भारत शांति चाहता है लेकिन भारत उकसाने पर हर हाल में जवाब देने में सक्षम है।"
प्रधानमंत्री बोले- देश की अखंडता और संप्रभुता के साथ समझौता नहीं
प्रधानमंत्री ने ये बयान मुख्यमंत्रियों के साथ अपनी बैठक की शुरूआत में दिया। उन्होंने कहा, "हमने हमेशा ही प्रयास किया है कि मतभेद विवाद न बनें। हम कभी किसी को भी उकसाते नहीं हैं। लेकिन हम अपने देश की अखंडता और संप्रभुता के साथ समझौता भी नहीं करते हैं। जब भी समय आया है, हमने देश की अखंडता और संप्रभुता की रक्षा करने में अपनी शक्ति का प्रदर्शन किया है।" उन्होंने जवानों के लिए दो मिनट का मौन भी रखा।
देश को गर्व मारते-मारते मरे जवान- मोदी
प्रधानमंत्री ने 19 जून को बुलाई सर्वदलीय बैठक
बता दें कि चीन के सीमा विवाद पर चर्चा करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने 19 जून को सर्वदलीय बैठक भी बुलाई है। इस वर्चुअल बैठक में सभी प्रमुख पार्टियों के अध्यक्ष हिस्सा ले सकेंगे। प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) ने आज ट्वीट कर ये जानकारी दी।
सोनिया गांधी ने कहा- सैनिकों की शहादत ने देश की अंतरात्मा को हिलाया
इस बीच कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी मामले पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा, "चीन की सीमा पर हमारे 20 सैनिकों की शहादत ने पूरे देश की अंतरात्मा को हिलाकर रख दिया है। मैं इन सब बहादुर वीरों को नमन करती हूं। दिल की गहराई से श्रद्धांजलि देती हूं। साथ ही प्रार्थना करती हूं कि उनके परिवार को ये दुख सहने की शक्ति दे।" उन्होंने कहा कि सरकार से मामले पर अपनी सोच, नीति और हल बताने चाहिए।
सोनिया बोलीं- प्रधानमंत्री देश को दें जबाव
प्रधानमंत्री मोदी से सवाल करते हुए सोनिया ने कहा, "आज जब देश में इस घटना के खिलाफ गुस्सा है, तब प्रधानमंत्री को आगे आना चाहिए और देश को सच बताना चाहिए कि चीन ने हमारी जमीन पर कब्जा कैसे किया और हमारे 20 सैनिकों की जान कैसे गई? आज वहां क्या स्थिति है? क्या हमारे जवान अभी भी लापता हैं? कितने जवान गंभीर रूप से घायल हैं? कांग्रेस इस संकट में सेना, सैनिकों, उनके परिवारों और सरकार के साथ है।"
अमित शाह बोले- शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता दर्द
गृह मंत्री अमित शाह ने भी ट्वीट कर शहीदों को सलाम किया है। उन्होंने लिखा है, 'लद्दाख के गलवान में हमारी मातृभूमि का रक्षा करते हुए हमारे बहादुर सैनिकों को गंवाने का दर्द शब्दों में नहीं बयां किया जा सकता। देश हमारे अमर नायकों को सलाम करता है जिन्होंने भारतीय क्षेत्र को सुरक्षित रखने के लिए अपनी जान न्यौछावर कर दी। उनकी बहादुरी उसकी जमीन के प्रति भारत की प्रतिबद्धता दर्शाती है।'
ऐसे नायक देने वाले परिवारों को नमन- अमित शाह
अपने दूसरे ट्वीट में अमित शाह ने लिखा, 'मैं उन परिवारों को नमन करता हूं जिन्होंने भारतीय सेना को ऐसे नायक दिए हैं। भारत उनके सर्वोच्च बलिदान का हमेशा कर्जदार रहेगा। इस दुख की घड़ी में पूरा देश और मोदी सरकार उनके परिवार के साथ खड़ा है।' उन्होंने घटना में घायल हुए जवानों के जल्द स्वस्थ होने की कामना भी की। बता दें कि हिंसा की इस घटना पर शाह की ये पहली प्रतिक्रिया है।
राजनाथ सिंह भी ट्वीट कर दे चुके हैं शहीदों को श्रद्धांजलि
इससे पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी ट्वीट करते हुए शहीदों को नमन किया था। उन्होंने लिखा था, 'गलवान में सैनिकों की जान जाना बेहद परेशान करने वाला और दर्दनाक है। हमारे सैनिकों ने कर्तव्य का पालन करते हुए अनुकरणीय साहस और वीरता दिखाई और भारतीय सेना की सर्वोच्च परंपरा को आगे बढ़ाते हुए अपनी जान न्यौछावर कर दी। देश कभी भी उनकी बहादुरी और बलिदान को नहीं भूलेगा।'
क्या है पूरा मामला?
सोमवार रात विवादित अक्साई चिन इलाके स्थित गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई थी जिसमें एक कर्नल समेत 20 भारतीय जवान शहीद हुए थे। शहीद होने वाले कर्नल बी संतोष बाबू 16 बिहार रेजीमेंट के कमांडिग अफसर (CO) थे। अन्य चार भारतीय जवानों की स्थिति नाजुक होने की खबरें भी हैं। घटना में बड़ी संख्या में चीनी सैनिकों के मरने की खबरें भी हैं, हालांकि अभी तक इनकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
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