प्रधानमंत्री मोदी ने किया क्राउन प्रिंस का स्वागत, भारत के लिए क्यों खास है सऊदी अरब?
सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान (MBS) अपने दो दिवसीय भारत दौरे पर मंगलवार को दिल्ली पहुंचे। यह उनका पहला भारत दौरा है। उनकी अगवानी के लिए प्रधानमंत्री मोदी खुद एयरपोर्ट पहुंचे और गले लगाकर उनका स्वागत किया। भारत आने से पहले क्राउन प्रिंस पाकिस्तान के दौरे पर थे। क्राउन प्रिंस का इस्लामाबाद से भारत आने का कार्यक्रम था, जिस पर भारत ने आपत्ति जताई। इसके बाद वे सोमवार को रियाद वापस लौटे और मंगलवार को भारत आए।
प्रधानमंत्री मोदी ने किया क्राउन प्रिंस का स्वागत
ये पांच समझौते होने की उम्मीद
प्रधानमंत्री मोदी के साथ उनकी शिष्टमंडल स्तर की बैठक हैदराबाद हाऊस में होगी। प्रधानमंत्री मोदी उनके सम्मान में भोज का भी आयोजन करेंगे। इसके अलावा क्राउन प्रिंस ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से भी मुलाकात की। क्राउन प्रिंस के इस दौरे के दौरान भारत और सऊदी अरब के बीच निवेश, पर्यटन, आवास, सूचना और प्रसारण आदि क्षेत्रों में पांच समझौतों पर हस्ताक्षर होंने की उम्मीद है। इन सबके बीच जानते हैं कि भारत और सऊदी अरब के बीच कैसे रिश्ते हैं।
सऊदी अरब में सबसे ज्यादा भारतीय प्रवासी
सऊदी अरब में 2.7 करोड़ भारतीय प्रवासी रहते हैं। यह सऊदी अरब में किसी भी देश से आए प्रवासियों की सबसे बड़ी संख्या है। ये प्रवासी हर साल एक बिलियन डॉलर की रकम भारत में भेजते हैं, जो भारत की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं। भारत और सऊदी व्यापार के साथ-साथ धार्मिक रूप से भी एक-दूसरे से जुड़े हैं। सऊदी अरब भारत से हर साल एक लाख 75 हजार हज यात्रियों को यात्रा की अनुमति देता है।
2010 में हुआ रियाद समझौता
भारत और सऊदी अरब के बीच 2010 में रियाद समझौता हुआ था। सऊदी अरब ने भारत को अपने उन आठ सामरिक साझेदारों में रखा है जिनके साथ उसके राजनैतिक, सुरक्षा, निवेश, सांस्कृतिक और व्यापारिक रिश्ते हैं। इस समझौते के तहत दोनों देश मंत्रालयों के स्तर पर एक स्ट्रैटैजिक पार्टनरशिप काउंसिल का गठन करेंगे। साथ ही दोनों देशों के बीच विभिन्न मुद्दों पर सक्रिय सहयोग की साझेदारी भी हुई थी।
सुरक्षा और रक्षा क्षेत्रों में साझेदारी
प्रधानमंत्री मोदी की 2016 में सऊदी यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच खुफिया जानकारियों के आदान-प्रदान, मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवादियों पर लगाम लगाने के समझौते पर हस्ताक्षर हुए थे। सऊदी ने आतंक के खिलाफ भारत की लड़ाई में सहयोग देने की बात की थी। साल 2014 में भारत और सऊदी अरब के बीच रक्षा क्षेत्र में समझौता हुआ था। इसके तहत दोनों देश रक्षा उत्पादों के संयुक्त उत्पादन और संयुक्त युद्धाभ्यास आदि क्षेत्रों में संभावनाओं की तलाश करेंगे।
भारत का चौथा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार
सऊदी अरब भारत का चौथा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है। वित्त वर्ष 2017-18 में दोनों देशों के बीच 27.48 बिलियन अमेरिकी डॉलर का व्यापार हुआ था। इसके अलावा भारत की जरूरत के 17 फीसदी से ज्यादा कच्चा तेल और 32 फीसदी से ज्यादा LPG सऊदी अरब से आयात होता है। हाल ही में भारत और सऊदी अरब की कंपनी सऊदी ARAMCO ने ADNOC के साथ मिलकर रत्नागिरी रिफाइनरी के लिए ज्वाइंट वेंचर बनाने की घोषणा की थी।
इन क्षेत्रों में भी हैं समझौते
दोनों देशों के बीच फर्टिलाइजर्स, इंफ्रास्ट्रक्चर, नवीन ऊर्जा आदि क्षेत्रों में समझौते हैं। हाल ही में नीति आयोग और सऊदी अरब की बैठक में तय हुआ कि दोनों देश IT और कम्यूनिकेशन टेक्नोलॉजी, हेल्थकेयर और फार्मास्यूटिकल, इलेक्ट्रोनिक्स और हाउसिंग आदि क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाएंगे।