इंडिगो संकट पर प्रधानमंत्री मोदी ने तोड़ी चुप्पी, कहा- लोगों को न हो कोई परेशानी
क्या है खबर?
देशभर में पिछले एक सप्ताह से जारी इंडिगो संकट पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार (9 दिसंबर) को पहली प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने लगातार रद्द की जा रही इंडिगो की उड़ानें और देरी से यात्रियों को हो रही परेशानी पर चिंता जताते हुए कहा कि यह सरकार की जिम्मेदारी है कि किसी भी तरह से लोगों को परेशानी नहीं होनी चाहिए। उन्होंने शासन में सुधार लाने के लिए नियमों और विनियमों को भी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।
बयान
प्रधानमंत्री मोदी ने क्या दिया बयान?
संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) संसदीय दल की बैठक में इंडिगो संकट पर चिंता जताते हुए कहा, "नियम और विनियम महत्वपूर्ण है, लेकिन समस्याओं को ठीक करने की प्रक्रिया जनता के लिए परेशानी का कारण नहीं बननी चाहिए।" उन्होंने कहा, "यह सुनिश्चित करना हमारी जिम्मेदारी है कि किसी भी नागरिक को सिर्फ इसलिए सरकार से कोई परेशानी न हो क्योंकि वह भारतीय नागरिक है और इसमें सुधार की जरूरत है।"
निर्देश
व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए हो नियम और कानूनों का इस्तेमाल- मोदी
रिजजू ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "नियम और कानून अच्छे हैं, लेकिन उनका इस्तेमाल व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए होना चाहिए, न कि जनता को परेशान करने के लिए।" प्रधानमंत्री मोदी ने सभी सांसदों को नियमों और विनियमों को सुनिश्चित करने के निर्देश देते हुए कहा कि कोई भी कानून लोगों को बोझ नहीं बनना चाहिए। वे उनकी सुविधा के लिए होते हैं। ऐसे में लोगों को कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए।
अपील
प्रधानमंत्री ने सांसदों से की यह खास अपील
रिजिजू ने बताया कि प्रधानमंत्री ने सांसदों से आग्रह किया कि वे जमीनी स्तर से जुड़ें और अपने निर्वाचन क्षेत्रों में लोगों की वास्तविक प्रतिक्रिया और स्थानीय समस्याओं को सक्रियता से सुनें। उन्होंने कहा कि इससे यह सुनिश्चित होगा कि सुधार एक्सप्रेस हर घर तक पहुंचेगी और सूक्ष्म स्तर की असुविधाओं का समाधान होगा, जो जीवन की गुणवत्ता को आकार देती हैं। सरकार का सुधार एजेंडा सिर्फ आर्थिक या राजस्व-आधारित नहीं है, बल्कि मूलतः नागरिक-केंद्रित है।
मदद
प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन से मिलेगी मदद
रिजिजू ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री मोदी का मार्गदर्शन सभी NDA सांसदों को मिलकर काम करने में मदद करेगा। इससे अब सरकार इंडिगो संकट को जल्द से जल्द खत्म करने में जुट गई है। उन्होंने घोषणा की कि आज लोकसभा में चुनाव सुधारों पर चर्चा शुरू होगी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह राज्यसभा में वंदे मातरम पर 2 दिवसीय चर्चा का नेतृत्व करेंगे। इससे पहले सोमवार को लोकसभा में वंदे मातरम पर बहस हुई थी।
जिम्मेदार
उड्डयन मंत्री ने इंडिगो CEO को ठहराया जिम्मेदार
इससे पहले सोमवार को केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री राममोहन नायडू किंजरापु ने इंडिगो संकट के लिए उसके मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) पीटर एल्बर्स की आलोचना की और बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें यात्रियों पर ध्यान केंद्रित करने का निर्देश दिया है। नायडू ने कहा इंडिगो के CEO और प्रबंधन परिचालन संकट और उड़ान रद्द होने को रोकने में पूरी तरह से विफल रहे हैं, जिससे यात्रियों को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ा है।
परेशानी
आज भी रद्द हुई उड़ानें
इंडिगो ने मंगलवार सुबह तक, लखनऊ आने-जाने वाली 26 उड़ानें, बेंगलुरु के लिए 121, चेन्नई के लिए 81, हैदराबाद के लिए 58, मुंबई के लिए 31 और अहमदाबाद के लिए 16 उड़ानें रद्द की हैं। दिल्ली हवाई अड्डे पर कोई उड़ान रद्द नहीं की गई। मंत्रालय ने स्थिति पर नजर रखने के लिए विभिन्न हवाई अड्डों पर 10 अधिकारियों को तैनात किया है। वे यात्रियों की सहायता के उपायों पर नजर रखने के लिए अगले 2-3 दिनों तक मौजूद रहेंगे।
कार्रवाई
इंडिगो के शीतकालीन उड़ान कार्यक्रम में होगी कटौती
इस संकट से निपटने में इंडिगो के विफल होने पर सरकार ने मंगलवार को बड़ा कदम उठाया है। उड्डयन मंत्री नायडू ने कहा है कि इंडिगो एयरलाइन के शीतकालीन उड़ान कार्यक्रम में कटौती की जाएगी और उसके स्लॉट अन्य एयरलाइंस को आवंटित होंगे। बता दें, इंडिगो अभी 2,200 उड़ानें संचालित कर रहा है और सरकार निश्चित ही इनमें कटौती करेगी। इसके तहत इंडिगो को 5 प्रतिशत उड़ान मार्ग गंवाने होंगे। यह कंपनी के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।